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उत्तराखंड ऊर्जा निगम पर उठे सवाल, उपभोक्ताओं का रोष लाया भूचाल…..उपभोक्ताओं की शिकायतों से मचा हड़कंप
उत्तराखंड ऊर्जा निगम को उपभोक्ताओं के कड़े रोष का सामना करना पड़ रहा है, उपभोक्ताओं का ऊर्जा निगम पर आरोप है कि पहले की अपेक्षा अब उपभोक्ताओं को ऊर्जा निगम द्वारा एक ही साल में 13 से 14 बिल थमाए जा रहे हैं। प्रेमनगर के उपभोक्ताओं ने नियामक आयोग से शिकायत की है कि उन्हें हर महीने 27-28 दिनों में बिल मिल रहा है जिससे निगम को अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है। स्मार्ट मीटर योजना के बावजूद जमानत राशि लेने पर भी सवाल उठाए गए हैं। उपभोक्ताओं ने आयोग से उचित कार्रवाई की मांग की है।
उत्तराखंड ऊर्जा निगम पर उठे सवाल
उत्तराखंड ऊर्जा निगम को उपभोक्ताओं के कड़े रोष का सामना करना पड़ रहा है, वहीं ऊर्जा निगम पर उपभोक्ताओं ने आरोप भी लगाए हैं। दरअसल, संपूर्ण मामला प्रेमनगर क्षेत्र का है जहां उपभोक्ताओं का ऊर्जा निगम पर आरोप है कि पहले की अपेक्षा अब उपभोक्ताओं को ऊर्जा निगम द्वारा एक ही साल में 13 से 14 बिल थमाए जा रहे हैं लिहाजा, इस संबंध में प्रेमनगर निवासी उपभोक्ताओं द्वारा प्रेमनगर क्षेत्र की सामाजिक कार्यकर्ता गीता बिष्ट के नेतृत्व में क्षेत्र के उपभोक्ताओं की ओर सेउत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को शिकायत पत्र भेजा गया। उक्त शिकायती पत्र में उल्लेखित है कि जब से उपभोक्ताओं को प्रति माह बिजली के बिल उपलब्ध करने के आदेश हैं, तब से उपभोक्ताओं को हर वर्ष 13 से 14 बिजली के बिल भेजे जा रहे हैं।उपभोक्ताओं की शिकायतों से मचा हड़कंप
उत्तराखंड ऊर्जा निगम पर उपभोक्ताओं का रोष लाजमी है, यह कोई मनगढ़ंत कहानी नहीं बल्कि वह वास्तविकता है जिसे आम नागरिक झेल रहा है। कुछ उपभोक्ताओं को ज्यादा बिल उपलब्ध कराने पर फिक्स चार्ज ज्यादा वसूलने की आशंका थी, जिसका समाधान ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने कर दिया है। वर्तमान समय में ऊर्जा निगम द्वारा उपभोक्ताओं से दिन के हिसाब से फिक्स चार्ज वसूल किया जा रहा है। लेकिन, समस्या यह है कि उपभोक्ताओं को एक साल में 13 से 14 बिजली के बिल भेजने पर अनुबंधित कंपनी को हर रीडिंग पर भुगतान किया जा रहा है, अब उत्तराखंड ऊर्जा निगम एक साल में 12 की जगह 13-14 बार भुगतान कर रहा है। वहीं इस स्थिति में जाहिर है कि ऊर्जा निगम इस घाटे को अर्जित करने के लिए यह भार उपभोक्ताओं के बिजली बिल में वृद्धि करके ही वसूलेगा। वहीं इसी के अलावा उपभोक्ताओं का आरोप है सरकार ने स्मार्ट मीटर की योजना को धरातल पर उतारा है तो अब अतिरिक्त जमानत राशि नहीं ली जानी चाहिए, लेकिन उपभोक्ताओं ने उत्तराखंड ऊर्जा निगम पर अब भी जमानत राशि लेने का आरोप लगाया है। उपभोक्ताओं का कहना है कि यह राशि बिल में अलग से भी नहीं दर्शायी जा रही है, अत: आयोग इस मामले में भी उचित कार्रवाई करे।लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)