उत्तराखंडधामी कैबिनेट विस्तारराजनीति

उत्तराखंड में धामी कैबिनेट का विस्तार जल्द, कैबिनेट विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री धामी का दिल्ली दौरा…. मुख्यमंत्री के कंधो पर 35 विभागों का दायित्व

उत्तराखंड में धामी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सबकी आंखें दिल्ली पर टकटकी लगाए बैठी हैं, पर वहीं दूसरी ओर कैबिनेट विस्तार में कुछ समय और लगने और विषय के टलने का भी संकेत है, चूंकी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की भेंट अभी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष से नहीं हो पाई है। यही कारण भी माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार व फेरबदल एक सप्ताह बाद ही होगा।

उत्तराखंड में धामी कैबिनेट का विस्तार जल्द

उत्तराखंड में धामी सरकार अपने मंत्रिमंडल में विस्तार करने जा रही है अब यह बात स्पष्ट होती नजर आ रही है। पहले तो इस विषय से राजनीतिक गलियारे सुगबुगाहट का केंद्र बने हुए थे लेकिन अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का दिल्ली दौरा इस विषय पर पूर्ण विराम लगाता प्रतीत होता है। वहीं इस मुद्दे पर एक और बात निकलकर आई है कि कैबिनेट विस्तार में अभी थोड़ा समय और लग सकता है क्योंकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मुलाकात अभी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष से नहीं हो पाई है, लिहाजा अंदेशा है कि अब कैबिनेट विस्तार को एक सप्ताह बाद ही किया जाएगा। जबकि इसी क्रम में इन सब से पहले ही उत्तराखंड में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर भी जल्द मोहर लगने की संभावना है। आपको बता दें कि इस समय कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने अभी-अभी अपना इस्तीफा दिया है लिहाजा इसका अर्थ यह हुआ कि अब धामी कैबिनेट में कुल पांच पद रिक्त हो चुके हैं। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अतिरिक्त छह मंत्री उनकी टीम में हैं, संभावना है कि यह कामकाज में और व्यवहारिक दिक्कतों का सबब बन सकता है।    

कैबिनेट विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री धामी का दिल्ली दौरा

      उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं पर सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री धामी ने हाल ही में दिल्ली का दौरा तो किया मगर, उनकी मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष के दिल्ली में न होने के कारण अभी नहीं हो पाई है। वहीं यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार पर अंतिम फैसला लेने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन दोनों नेताओं से अंतिम दौर का विमर्श करना चाहते हैं। इसके अतिरिक्त राज्य में कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं को लेकर राज्य में मंत्री पद के दावेदार भी राजधानी दिल्ली तक की दौड़ लगाते हुए नजर आ रहे हैं। इन दिनों मंत्री पद के दावेदारों ने भी दिल्ली में अपने संपर्कों को टटोलना शुरू कर दिया है। खबर है कि अब तक एक दर्जन से भी अधिक भाजपा विधायक दिल्ली का दौरा कर चुके हैं और इनमें से कुछ अभी भी वहीं टिके हैं और मुख्यमंत्री धामी आज गुरुवार तक ही दिल्ली से वापस लौटेंगे। इस बात की भी प्रबस संभावना है कि मुख्यमंत्री धामी समय लगते ही केंद्रीय नेताओं से भेंट करने फिर दिल्ली जाएंगे। इधर प्रदेश भाजपा के सूत्रों से खबर है कि अब कैबिनेट विस्तार का कार्यक्रम एक सप्ताह बाद यानी नवरात्र पर ही होने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि 26 मार्च के बाद कभी भी प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा की जा सकती है।    

मुख्यमंत्री के कंधो पर 35 विभागों का दायित्व

      उत्तराखंड में वैसे तो धामी सरकार ने सभी राजनेताओं को उनके पदभार और उनके कार्यों को स्पष्ट किया हुआ है लेकिन बीत वर्ष 2022 के अप्रैल माह में कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कंधो पर जोर बढ़ चुका है, उपर से हाल ही में मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे ने मुख्यमंत्री का भार और भी बढ़ा दिया है। अब चूंकी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले से ही 34 विभागों को संभाल रहे हैं तो अब प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री धामी वर्तमान में कुल 35 विभागों का दायित्व लिए हुए हैं। इन सभी घटनाओं के बीत बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री धामी दिल्ली पंहुचे, जिसके कारण कैबिनेट विस्तार व फेरबदल की चर्चाओं ने और गति पकड़ी। हांलांकि, मुख्यमंत्री धामी का दिल्ली दौरा एक विवाह समारोह में सम्मिलित होना था लेकिन इसी बीच उन्होंने केंद्रीय नेताओं से भेंट भी करी, लिहाजा अब प्रदेश में कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं पर अंतिम मुहर लगने की संभावना व्यक्त करी जा रही हैं।      
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)

HNN 24x7 Desk

HNN 24x7 is Uttarakhand's #No. 1 News Channel voicing the issues of public concern and addressing them to the Higher Authorities. We present to our audience the true face of the stories as our motto is 'जुनून सच दिखाने का'.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button