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उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां तेज, निर्धारित हुआ चुनाव का समय…..निर्धारित होगा ST,SC आरक्षण
उत्तराखंड में पंचायत चुनाव जुलाई 2025 में होंगे। सरकार चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। पंचायतीराज अधिनियम में संशोधन के बाद ओबीसी आरक्षण का निर्धारण इसी महीने किया जाएगा। हाईकोर्ट में शपथ पत्र देने के बाद सरकार ने चुनाव कराने की प्रक्रिया तेज कर दी है। प्रशासकों का कार्यकाल अधिसूचना पर निर्भर करेगा।
उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां तेज
उत्तराखंड में पंचायत चुनाव का रास्ता साफ हो गया है, जिसके लिए उत्तराखंड सरकार भी तैयारियों में जुट गई है। दरअसल, उत्तराखंड सरकार द्वारा जुलाई माह में पंचायत चुनाव कराये जाने को लेकर हाईकोर्ट में शपथ पत्र देने के बाद उत्तराखंड सरकार पंचायत चुनावों की तैयारियों को निपटा रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार पंचायतों में ओबीसी (अदर बैकवर्ड क्लास) आरक्षण का नए सिरे से निर्धारण होना है। इस सिलसिले में गठित एकल समर्पित आयोग से रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार ने पंचायतीराज अधिनियम में संशोधन के दृष्टिगत अध्यादेश राजभवन भेजा था। इन्ही सब के बीच पंचायतों में ओबीसी आरक्षण का निर्धारण नए सिरे से करने के लिए पंचायतीराज अधिनियम में संशोधन अध्यादेश को राजभवन ने हरी झंडी दे दी है। पंचायतीराज सचिव चंद्रेश कुमार यादव के अनुसार पंचायतों में इसी माह ओबीसी आरक्षण तय कर इसकी अंतिम अधिसूचना जारी करने के साथ ही सूचना राज्य निर्वाचन आयोग को भेज दी जाएगी।इस जिले में होते हैं अलग से चुनाव
मात्र हरिद्वार को छोड़ राज्य के शेष 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर अंधेरा अब छंटने लगा है, चूंकि हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव उत्तर प्रदेश के साथ होते हैं। हरिद्वार जिले में पिछले चुनाव वर्ष 2022 में हुए थे, वहीं शेष 12 जिलों में पंचायतों का कार्यकाल नवंबर आखिर में खत्म होने के बाद जब चुनाव की स्थिति नहीं बन पाई तो इन्हें प्रशासकों के हवाले कर दिया गया था। वंही सरकार ने इस बीच पंचायत चुनाव के दृष्टिगत पंचायतों का परिसीमन, निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण, मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण संबंधी कार्य निबटाए।निर्धारित होगा ST,SC आरक्षण
हाईकोर्ट में चल रहे पंचायत चुनाव से संबंधित मामलों की सुनवाई के दौरान शासन ने स्पष्ट किया कि पंचायत चुनाव जुलाई में करा दिए जाएंगे, लिहाजा इसी हिसाब से शासन-प्रसाशन ने इसकी तैयारियां तेज कर दी हैं। पंचायतीराज सचिव चंद्रेश कुमार यादव के अनुसार अब इसी माह पंचायतों में ओबीसी आरक्षण का निर्धारण कर दिया जाएगा। जिला पंचायत सदस्यों के लिए शासन और क्षेत्र व ग्राम पंचायतों के लिए जिला स्तर पर यह निर्धारण होगा। आपको बता दें कि पूर्व में ओबीसी आरक्षण के लिए 14 प्रतिशत की सीमा थी, जिसे अब हटा दिया गया है। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि एससी, एसटी व ओबीसी आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। जिन क्षेत्रों में एससी-एसटी की संख्या 50 प्रतिशत से ज्यादा होगी, वहां ओबीसी को आरक्षण नहीं मिलेगा।लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)