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उत्तराखंड में “पहाड़-मैदान की सियासत जारी”, सरकार ने सौंपी प्रेमचंद अग्रवाल को नई जिम्मेदारी… भाजपा अध्यक्ष ने बताया “सड़क छाप नेता”

उत्तराखंड में पहाड़-मैदान की सियासत अभी भी जारी है, मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान ने ऐसा तूल पकड़ा है कि यह विवाद अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं उत्तराखंड भाजपा सरकार के सांसद अनिल बलूनी को यह बयान दिए हुए अभी 24 घंटे भी नहीं गुजरे थे कि राज्य सरकार ने विवादित टिप्पणी करने वाले मंत्री जी को एक नई जिम्मेदारी से नवाज दिया। अब सभी का कहना यह है कि "शायद जनता ने कहा प्रेमचंद इस्तीफा दो.. और सरकार ने सुना प्रेमचंद को नई जिम्मेदारी दो"।

सरकार ने सौंपी प्रेमचंद अग्रवाल को नई जिम्मेदारी

      उत्तराखंड विधानसभा सत्र से ही मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल विवादों के बाड़े में घिरे हैं, वहीं दूसरी ओर बीते शुक्रवार को कोटद्वार में आयोजित एक कार्यक्रम में भाजपा के ही सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि “पूरा मामला बहुत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं इस पार्टी का मुख्य प्रवक्ता हूं और मुझे मर्यादा बनाए रखनी है। लेकिन मैंने उचित मंचों पर इस मामले को मजबूती से उठाकर अपना कर्तव्य निभाया है।” लेकिन असली खेल यहां से शुरु होता है दरअसल अनिल बलूनी को यह बयान जारी किए अभी 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि राज्य सरकार ने विवादास्पद टिप्पणी करने वाले मंत्री जी को एक नई जिम्मेदारी से नवाज डाला। तो अब कहानी कुछ इस प्रकार बनती है कि राज्य सरकार अगर प्रेमचंद अग्रवाल को एक के बाद एक नई-नई जिम्मेदारियां देती है तो एक प्रश्न हम सभी के जहन में उठना लाजमी है कि क्या सांसद अनिल बलूनी ने उचित फॉर्मेट पर यह मुद्दा सही प्लेटफॉर्म पर ही उठाया था ? तो वहीं इन सभी घटनाक्रमों के बाद राजनीतिक गलियारों में यब सुगबुगाहट फैल गई है कि शायद सांसद अनिल बलूनी का प्लेटफार्म तो उचित था लेकिन शायद शासन ने सुनने में थोड़ा त्रुटि कर दी क्योंकि जनता ने कहा प्रेमचंद इस्तीफा दो..और सरकार ने सुना प्रेमचंद को नई जिम्मेदारी दो।

 

भाजपा अध्यक्ष ने बताया “सड़क छाप”

        उत्तराखंड भाजपा सरकार के नेताओं के तो मानो जैसे विवादास्पद टिप्पणियों का गढ़ा खजाना हाथ लग चुका है, दरअसल सांसद अनिल बलूनी के अलावा भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी इस मामले पर अपना बयान दिया था, लेकिन यह बयान जारी करने के बाद वे भी विवादों के कटघरे में खड़े नजर आते हैं। दरअसल प्रेमचंद अग्रवाल के बयान पर टिप्पणी देते हुए भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि “आगामी 2027 में चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में कुछ “सड़क छाप नेता” किसी ना किसी विषय को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयारी कर रहे हैं”, लिहाजा इस बयान ने पहाड़ियों में आक्रोश को और अधिक बढ़ा दिया है। वहीं अध्यक्ष महेंद्र भट्ट आगे कहा कि विकास के किसी विषय को लेकर अगर गैरसैण का आंदोलन होता, तो उस आंदोलन को उचित माना जाता, लेकिन मंत्री को हटाने या बनाने के लिए प्रदर्शन करना और किसी व्यक्ति विशेष के लिए भीड़ को एकत्रित करना बिलकुल सही नहीं है। अब एक ओर जहां भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पहाड़ी समुदाय की भावनाओं को ठेस पंहुचाई है तो वहीं पहाड़ की जनता सांसद अनिल बलूनी के बयान को एक उम्मीद मान रही है।          
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)

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