
एक साथ कई डॉक्टरों के तबादले के कारण संकट से जूझ रहा दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल
एक साथ काफी डॉक्टरों के तबादले के कारण संकट से जूझ रहे दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए सोमवार का दिन चुनौती भरा हो सकता है। शुक्रवार को डॉक्टरों के तबादले के कारण शनिवार को अस्पताल में ओटी करीब- करीब बंद थी। सोमवार को अस्पताल में मरीजों का जबरदस्त दबाव रहता है, ऐसे में अस्पताल को ठीक तरह से चलाने में कठिनाई आने की संभावना है। अस्पताल में सबसे ज्यादा कमी एनीस्थीसियन की है। अस्पताल में कुल चार एनीस्थीसियन हैं, लेकिन तीन का तबादला कर दिया गया है, जबकि एक अन्य अगले महीने रिटायर होने वाले हैं और फिलहाल छुट्टी पर हैं। तबादले की सूचना मिलने के बाद दो एनीस्थीसियन डॉ पंकज शर्मा और डॉ अभिलाषा छुट्टी पर चले गये थे। एनीस्थीसियन न होने से ओटी पूरी तरह से ठप हो गई। ऐसी स्थिति में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक एनीस्थीसियन की वैकेंसी निकाली है, जिसके लिए वॉक एंड इंटरव्यू की व्यवस्था है। एनीस्थीसियन को सीनियर रेजिडेंट के रूप में नियुक्त किया जाएगा। हालांकि इस पद के लिए कोई इंटरव्यू देने आयेगा, इसे लेकर आशंका बनी हुई है। ट्रांसफर होने के बाद दो एनीस्थीसियन डॉ पंकज शर्मा और डॉ अभिलाषा छुट्टी पर चले गये थे। सूत्रों के अनुसार मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ प्रदीप भारती गुप्ता ने अस्पताल के सीएमएस डॉ केके टम्टा से हर हाल में ओटी चलाने के लिए कहा है। इसके बाद डॉ टम्टा ने डॉ पंकज शर्मा और डॉ अभिलाषा की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। एक साथ डॉक्टरों के ट्रांसफर के बीच राजपुर विधायक खजानदास ने जिला अस्पताल की मांग फिर से उठा दी है। उन्होंने एक बयान में कहा कि दून अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है। खजानदास ने कहा कि वे दून अस्पताल को जिला अस्पताल रहने और मेडिकल कॉलेज के लिए अलग से अस्पताल बनाने की मांग कर चुके हैं। डॉक्टरों के तबादले के बाद जिला अस्पताल बनाम मेडिकल कॉलेज का विवाद फिर गर्म हो गया है। दरअसल जिन डॉक्टरों का तबादला किया गया है वे सभी हेल्थ विभाग के हैं, जो जिला अस्पताल के समय से यहां काम कर रहे हैं। ऐसे में दून अस्पताल को जिला अस्पताल बनाये रखने की समर्थक लॉबी डॉक्टरों के ट्रांसफर के विरोध में आ गई है, जबकि मेडिकल कॉलेज के हिमायती इन तबादलों का समर्थन कर रहे हैं। अस्पताल कैसे चलेगा, यह मैं नहीं कह सकता। मैं इतना कर सकता था कि जिन दो डॉक्टरों की छुट्टियां मैंने मंजूर की थी, उनकी छुट्टियां कैंसिल कर दी हैं। उम्मीद है कि ये दोनों एनीस्थीसियन कल से काम पर आयेंगे और जब तक नई पोस्टिंग पर नहीं जाते, तब तक दून अस्पताल की ओटी चलती रहेगी.