किशोर ने पूर्व सीएम पर साधा निशाना
पूर्व सीएम हरीश रावत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के बीच जो बयानबाजी सामने आ रही है, उससे साफ जाहिर हो रहा है कि कांग्रेस में कुछ तो गड़बड़ है। शायद यही वजह है कि प्रदेश कांग्रेस की कमान किशोर उपाध्याय से लेकर प्रीतम सिंह को दे दी गई। लेकिन पार्टी नेताओं के बीच चल रही ये आपसी तकरार कांग्रेस के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकती है।
विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस में एक बार फिर गुटबाजी देखने को मिली। पूर्व सीएम हरीश रावत और उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने एक बार फिर एक दूसरे पर कटाक्ष किया है। विधानसभा चुनाव से पहले और बाद में भी कई बार हरीश रावत और किशोर उपाध्याय में तकरार देखने को मिला है। शायद यही कारण है कि पार्टी हाईकमान ने उत्तराखंड कांग्रेस की कमान किशोर से लेकर प्रीतम सिंह को दे दी, जिससे पार्टी में गुटबाजी को खत्म किया जा सके, लेकिन किशोर रावत के बयान से एक बार फिर साबित हो गया है कि सत्ता बदलने के बाद भी कांग्रेस में कुछ नहीं बदला। प्रदेश में शराबबंदी को लेकर सरकार की नीति पर पूछे गए सवाल पर किशोर ने हरीश रावत की तत्कालीन सरकार पर निशान साधा है। किशोर ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस सरकार के समय में संगठन की ओर से हरीश रावत को शराबबंदी और भ्रष्टाचार को लेकर कई सुझाव दिए थे। लेकिन सरकार ने उन पर ध्यान नहीं दिया यहीं कारण है कि पार्टी को विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा, किशोर के इस बयान से स्पष्ट हो चुका है कि पार्टी ने अंदर अभी कुछ सही नहीं चल रहा है़। पार्टी के अंदर हुई इस गुटबाजी से हरीश रावत भी अच्छी तरह से वाकिफ हैं। यही वजह है कि रावत ने किशोर को बड़ा दर्शनशास्त्री बताते हुए नसीहत दे डाली कि इसकी वजह से पार्टी पहले ही बहुत नुकसान उठा चुकी है, अब उन्हें इससे दूर रहना चाहिए। वहीं किशोर की शराबबंदी के सुझाव को रावत ने नकार दिया और कहा मुझे नहीं पता कब उन्होंने कांग्रेस सरकार को शराबबंदी का सुझाव दिया था। जिस तरह से किशोर उपाध्याय ने अपनी ही तत्कालीन सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। उससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि पार्टी के अंदर कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि प्रदेश संगठन के नए अध्यक्ष प्रीतम सिंह इस तकरार को कैसे और कब तक खत्म कर पाते हैं।