
खुले में शौच से आजादी चलाया गया जागरूकता अभियान
09 अगस्त से 15 अगस्त,2017 तक ‘‘खुले में शौच से आजादी ‘‘सप्ताह मनाया जा रहाहै। स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत जनसमुदाय को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने हेतु स्वच्छता रथ को आज जिलाधिकारी रंजना ने हरी झण्डी दिखाकर कलेक्ट्रेट से रवाना किया। इसरथ के माध्यम से गांव-गांव में लोगों को स्वच्छता के प्रति प्रेरित किया जायेगा। इस दौरान सांस्कृतिक दलों द्वारा एवं स्कूली बच्च्चों द्वारा विद्यालयों में नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से खुले में शौच से मुक्ति हेतु जागरूक किया जायेगा। स्वच्छता रथ को हरी झण्डी दिखाते हुए जिलाधिकारी रंजना ने कहा कि जिले को खुले में शौच से मुक्ति किये जाने पर उसकी आजादी का जश्न मनाने हेतु गांव-गांव ब्लाक स्तर पर रथ के माध्यम से जैविक तथा अजैविक कूडे़ को निस्तारित करने की जानकारी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि जनपद को खुले में शौच मुक्त करने के लिए इस कोशिश को हर प्रकार से बरकरार रखना है इस सम्बन्ध में लोगों को प्रेरित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जैविक कूडे़ का इस्तेमाल कम्पोस्ट खाद के रूप में प्रयोग किया जायेगा तथा अजैविक कूडे को इक्कट्ठा कर पी0एम0जी0एस0वार्इ0 द्वारा सडकों में डामरीकरण में प्रयोग किया जायेगा। उन्होंने कहा कि रथ के माध्यम से जनपद स्तर,विकास खण्ड स्तर,ग्राम पंचायत स्तर एवं स्कूलों में स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। जिसके लिए कार्य योजना तैयार की गयी है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर उक्त तिथियों में घर-घर सफार्इ गांव की भलार्इ विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया जायेगा। सफार्इ अभियान के अन्तर्गत ग्राम वासियों द्वारा ग्राम प्रधान के नेतृत्व में ग्राम के सार्वजनिक स्थलों पर सफार्इ अभियान चला जायेगा। स्वच्छता के प्रचार – प्रसार हेतु आशा ऑंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर सम्पर्क कर स्वच्छता संबंधी जानकारी दी जायेगी। खुले में शौच प्रथा से मुक्त ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबन्धन पर चर्चा कर कार्य योजना तैयार की जायेगी। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी एस.स.एस.पांगती ने कहा कि रथ संचालन का उद्देश्य लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है। अनेक सांस्कृतिक एवं नुक्कड़ नाटकों के माध्मय से भी लोगों को स्वच्छता के प्रति प्रेरित किया जायेगा। इस मौके पर विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राऐं एवं विभिन्न विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।