
गरुड़ में सिंचाई नहरें क्षतिग्रस्त होने से कास्तकारों के सामने रोजी का संकट
बागेश्वर के गरुड़ में लंबे समय से सिंचाई नहरें क्षतिग्रस्त हैं। कई बार सूचित करने के बाद भी विभाग के कान में जूं तक नहीं रेंगती है। सिंचाई नहरें ध्वस्त होने के कारण कास्तकारों की फसलें पूरी तरह चौपट होती जा रही हैं। कास्तकारों का कहना है कि पहले तो तेज बारिश ने पूरी फसल नष्ट कर दी है, अब पानी नहीं मिलने से उनकी फसल नष्ट हो रही है। पहले नष्ट हुई फसल का कास्तकारों को अब तक मुआवजा नहीं मिला पाया है। कास्तकारों की फसल नष्ट होने से उनके सामने रोजी- रोटी का संकट पैदा हो गया है। कई बार विभाग से सिंचाई नहरें ठीक करने और नहरों के माध्यम से खेतों में पानी देने की मांग की गई उसके बाद भी विभाग हाथों पर हाथ धरे बैठा है। समाजसेवी अखिल जोशी का कहना है कि सिचाई नहरों के लिए करोड़ों की धनराशि दी जाता है। लेकिन विभाग उन रूपयों को कहाँ खर्च करता है इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं मिलती है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर विभाग की ऐसी ही लापरवाही बनी रही तो एक दिन कास्तकारों को भूखे रहने की नौबत आ जायेगी। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही विभाग द्वारा सिचाई नहरों को ठीक कर पानी नही छोड़ा गया तो ग्रामीण उग्र आन्दोलन करने को बाध्य हो जाएँगे।