
गोरक्षा के नाम पर हिंसा स्वीकार नहीं : मोदी
गोभक्ति के नाम पर हिंसा के खिलाफ आगाह करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अहमदाबाद में साबरमती आश्रम के पास गोशाला मैदान से उन्होंने सख्त संदेश दिया कि किसी को भी कानून हाथ में लेने का हक नहीं है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जिस देश में चींटी, कुत्ते और मछली तक को खाना देने का संस्कार है, वहां गाय के नाम पर इंसान को मार डालना कहां तक उचित है? कौन दोषी है और कौन नहीं, इसका फैसला कानून करेगा। हिंसा से किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। पिछले कुछ महीनों में देश के कई हिस्से से गोमांस को लेकर हिसा की घटनाएं सामने आई हैं। एक दिन पहले देश के कई हिस्से में इस मुद्दे पर कुछ संगठनों ने प्रदर्शन किया है। विपक्षी दल भी इसे मुद्दा बनाते रहते हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री ने अपनी बात कहने के लिए गांधी की भूमि को चुना। साबरमती आश्रम के शताब्दी समारोह में उन्होंने कथित गोभक्तों पर सीधा हमला किया। पिछले साल अगस्त में भी प्रधानमंत्री ने सख्त लहजे में हिंसक गोभक्तों को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग गाय भक्ति के नाम पर अपनी दुकान चला रहे हैं। यह बंद करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम पहुंचे। वहां आश्रम के 100 साल पूरा होने के समारोह में हिस्सा लिया। वहां उन्होंने महात्मा गांधी के आध्यात्मिक गुरु श्रीमद राजचंद्र पर डाक टिकट और सिक्का जारी किया। प्रधानमंत्री ने आश्रम में चरखा भी चलाया।
दो दिवसीय गुजरात दोरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजकोट में रोड शो किया। रोड शो के बाद एक कार्यक्रम में उन्होंने हजारों दिव्यांगों को 35 करोड़ के सहायता उपकरण दिए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने दिव्याों के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा ‘दिव्यांग एक परिवार की ही नहीं बल्कि पूरे देश और समाज की जिम्मेदारी है। दिव्यांग बच्चों को विशेष सुविधाएं मिलनी चाहिए। मेरी सरकार देश के गरीबों को समर्पित है।’ पीएम मोदी ने कहा कि राजकोट की मेरे दिल में खास जगह है। उन्होंने कहा कि 40 साल बाद कोई पीएम राजकोट आया है। मेरी राजनीतिक शुरूआत राजकोट से ही हुई थी।