ग्रामीणों के खेतों को किया जंगली जानवरों के आंतक ने बर्बाद
उत्तराखंड के पहाड़ी जनपद पहले ही सड़क ,पानी , स्वास्थ्य , और शिक्षा की सुविधा न मिलने से ग्रामीण सुविधाओं के अभाव में लगातार मैदान की तरफ पलायन कर रहे लोंगो को रोकने का प्रयास करने में सक्षम नही हो पा रही है। जिसके कारण गांव के गांव पलायन होने से 50 जे 60 प्रतिशत खेती भी बंजर पड़ गयी है जिससे जंगली जानवरों का आंतक अधिक हो गया है । जंगली जानवर अब घरों के नजदीक ग्रामीणों पर हमला कर फसल को बर्बाद करना शुरू कर दिया है ।जंगली जानवर हिंसक हो गए। जिससे कारण अपनी खेती की रखवाली करते लोंगो पर भी हमला कर रहे है।
देवप्रयाग विधान सभा के कीर्तिनगर विकास खंड के 3 पट्टियों के दो दर्जन से अधिक में गांवों में धान, कोदा, झंगोरा , की खड़ी फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर दी है। धौलयाणा ,उलाणा ,खोंगचा के ग्रामीणों का कहना है कि 1 माह से सुअरों ने खड़ी फसल पर उत्पात मचाया हुआ है।6 माह से मेहनत की हुई फसल को बर्बाद कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है अगर रात को खेती की चौकीदारी करने जा रहे हैं तो सुअर काटने के लिए आ रहे हैं। ऐंसे में ग्रामीणों को खेतों की चौकीदारी करना भी कठिन हो रहा है। आपको यह भी बता दे कि कीर्तिनगर व देवप्रयाग विकास खंड में जंगली सुअर हिंसक बारदतें कर चुके हैं। इधर जंगली सुअर बड़ी निर्भीकता से पूरी खेती को बर्बाद कर दी है। दूसरी तरफ सरकार ने भी सरकारी राशन देना भी कम कर दिया है। जिससे अब खेती पर भी निर्भर रहना आसान नहीं है।घर में अनाज का एक दाना भी नहीं है। अब काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। जिसके कारण ग्रामीणों ने पलायन का मन बना लिया है । ग्रामीणों ने मांग की है कि सरकार सुअरों द्वारा बर्बाद की गई खेती का मुआवजा देकर हमारे फ़सल की भरपाई करें । गुस्साए ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार द्वारा मुआवजा नही दिया गया, तो क्षेत्रीय वासी आंदोलन करेंगे।पीड़ित ग्रामीणों ने 6 महीने की कड़ी मेहनत से कमाई धान ,कोदा झंगोरा के खड़ी फसल को जंगली सुअरों द्वारा अत्यधिक बर्बाद की हुई। फसल से गुस्साए ग्रामीणों ने HNN 24×7 उत्तराखंड चैनल के माध्यम से राज्य सरकार से जंगली जानवरों के निराकरण व मुआवजे की मांग की है। ग्रामीणों की खड़ी झंगोरा कोदा और धान की फसल की बर्बादी जब हमने क्षेत्रीय विधायक से की तो विधायक साहब पूरे प्रदेश की समस्या बताकर अपना पल्ला झाड़ दिया।