ग्राम प्रधान के खिलाफ ग्रामीणों ने लगाये आरोप
ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के पैसे की कैसी बंदबांट चल रही है, इसकी हकीकत अगस्त्यमुनि विकासखण्ड की दूरस्थ ग्राम पंचायत नागजगई में ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान के खिलाफ गम्भीर आरोप लगाये हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान विकास योजनाओं में खुद ठेकेदार बने हैं और फर्जी कागजों के जरिये विकास के धन को मनमाने तरीके से वारा-न्यारा कर रहे हैं।
ग्राम पंचायत नागजगई के पूर्व जनप्रतिनिधियों के साथ ही ग्रामीणों का आरोप है कि मौजूदा ग्राम प्रधान विकास कार्यों में सरकारी धन को महज ठिकाने लगाने का कार्य कर रही हैं। और आवाज उठाने पर ग्रामीणों के विरुद्व मामले तक दर्ज करा रही हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि सूचना अधिकार से प्राप्त दस्तावेजों से पता लगा हैं कि गांव में करीब तीन लाख रुपये की लागत से मिलन केन्द्र का पुनर्निर्माण किया जाना था। लेकिन प्रधान द्वारा मिलन केन्द्र के पुनर्निर्माण के बजाय उस पर हल्का – फुल्का कार्य कर धन को हड़प कर लिया गया है। जबकि सूचना अधिकारी से प्राप्त एमबी में निर्माण सम्बन्धी सभी बिल वाउचर लगाये गये हैं। यही स्थिति सुरक्षा दीवारों, शौचालय निर्माण, सीसी व खडिंजा मार्ग निमार्ण में भी बनी हुई है। ग्रामीणों ने कई बार इसकी शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों भी की है। लेकिन प्रधान की ऊँची पहुंच के आगे ग्रामीणों की आवाज को दबा कर रख दिया गया है। उधर जिलाधिकारी ने भी मामले का संज्ञान लिया है और अब ग्राम पंचायत के सभी कार्यों की निष्पक्ष जांच के लिए सीडीओ की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दिया हैं, जो गांव में जाकर स्वयं जांच करेगी और दोषी पाये जाने पर कार्रवाई करेगी।