जन औषधि केंद्रों पर हो रहे खेल पर होगी कार्रवाई
महंगी दवा के अभाव में किसी मरीज की जान ना जाए इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम और गरीब जनता को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के लिए पूरे देश भर में जन औषधि केंद्रों का शुभारंभ किया था लेकिन हरिद्वार में स्थित कई जन औषधि केंद्र प्रधानमंत्री की इस योजना के द्वारा न केवल जेब भरने में लगे हुए हैं बल्कि खुलकर नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ा रहे हैं आलम ये है कि इन केंद्रों पर नियम विरुद्ध जेनरिक दवाओं के अलावा भी अन्य ब्रांडेड दवाएं भेजी जा रही हैं अब मामले का संज्ञान लेते हुए डीएम दीपक रावत ने जांच कर कारवाई की बात की है।
पीएम मोदी ने जिस उद्देश्य से जन औषधि केंद्रों का शुभारंभ किया था वह उद्देश्य कम से कम हरिद्वार में पूरा होता नजर नहीं आ रहा है लोगों का कहना है कि इन केंद्रों पर न केवल ऊंचे दामों पर दवाइयां बेची जा रही हैं बल्कि वे ब्रांडेड दवाइयां भी भेजी जा रही है जो नहीं बेची जा सकती ज़रा सुनिए लोगों का इन औषधि केंद्रों के बारे में क्या कहना है।जन औषधि केंद्रों का संचालन करने वाले फार्मासिस्टों का कहना कुछ अलग ही है उनका कहना है कि आज तक देश में जेनरिक दवाओं की परिभाषा ही साफ नहीं हो पाई है इन केंद्रों से मोटा पैसा वसूलने के बावजूद जरा सुनिए इनका क्या कहना है।
वहीं इस मामले में जब डीएम दीपक रावत से पूछा गया तो उनका कहना है इसमें स्पष्ट निर्देश है कि लिस्ट के अनुसार ही जेनरिक दवाएं बेची जा सकती हैं यदि ऐसा नही होता तो इसे दिखवाकर कार्रवाई की जाएगी।हरिद्वार के मेडिकल स्टोर पर आए दिन कोई ना कोई गड़बड़ी पाई जाती है लेकिन बावजूद इसके स्वास्थ्य महकमा इनके खिलाफ कोई सख्त कार्यवाही नहीं करता अब जन औषधि केंद्र पर लूट का नया खुलासा हुआ है देखना ये होगा कि इसमें कबतक ओर क्या करवाई होती है।