
न्यू ऋषिकेश से लिखी जाएगी पहाड़ में विकास कि नई गाथा
उत्तराखण्ड के पहाड़ों पर रेल चलना एक सपने के जैसा ही है. लेकिन ये सपना अब साकार रुप लेने लगा है.रेल मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाने के बाद अब विभाग भी अपनी तैयारियों में जुट गया है जिस के चलते ऋषिकेश में कम शुरू हो गया है.ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का पहला स्टेशन ऋषिकेश में न्यू ऋषिकेश के नाम से बनेगा . इसके लिए 400 मीटर लंबे स्टील ब्रिज का काम शुरू हो गया है.यह रेल सेवा चार धाम यात्रा से भी जुड़ेगी.इसकी तैयारियों के चलते हरिद्वार,रुड़की,ऋषिकेश के स्टेशन के भी कायाकल्प की तैयारी में रेलवे विभाग जुट गया है. और इसके लिए रेल लाइन का कार्य भी शुरू हो गया है. इस प्रोजेक्ट के अन्तर्गत 12 स्टेशनों सहित 16 सुरंगों और इतने ही पुलों का निर्माण किया जाएगा। ऋषिकेश में पहला स्टेशन न्यू ऋषिकेश के नाम से बनने जा रहा है जिसके लिए विभाग ने वन विभाग से हस्तांतरित भूमि में वन कटान कर और चंद्रभागा नदी में ब्रिज निर्माण की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है जिससे अब पहाड़ पर रेल का सपना साकार होने की उम्मीद बनने लगी है। न्यू ऋषिकेश स्टेशन ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का पहला पड़ाव होगा जो पुराने स्टेशन की अपेक्षा एक आधुनिक रेलवे स्टेशन बनेगा। रेलवे ने ऋषिकेश से तक रेल लाईन बिछाने के लए अपना मास्टर प्लान तैयार कर लिया है ।जिसके लिए भूमि अधिग्रहण काम भी लगभग पूरा हो चुका है. कार्य सुरु हो जाने के बाद 8 से 10 सालों में यह योजना पूरी हो जायेगी।