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पर्वतीय राजस्व निरीक्षक की कलम बंद हड़ताल, पुरानी मांगो को लेकर किया दो दिनी कार्य बहिष्कार
पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, राजस्व उप निरीक्षक एवं राजस्व सेवक संघ ने अपनी पुरानी मांगों को लेकर आज मंगलवार से दो दिन का कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। लंबे समय से सरकार से राजस्व पुलिस का कार्य नियमित पुलिस को देने और अंश निर्धारण, खतौनी को तैयार करने के लिए लैपटॉप, इंटरनेट के लिए डाटा पैक देने की मांग कर रहे है और शासन से पूर्व में भी अनुरोध किया गया था, लेकिन अभी तक शासन द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई।
पर्वतीय राजस्व निरीक्षक की कलम बंद हड़ताल
पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, राजस्व उप निरीक्षक एवं राजस्व सेवक संघ ने अपनी पुरानी मांगों को लेकर आज मंगलवार से दो दिन का कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। मंगलवार को लोहाघाट तहसील परिसर में राजस्व निरीक्षक महेंद्र सिंह चौड़िया के नेतृत्व में राजस्व निरीक्षक उप निरीक्षक व राज्यसेवकों ने कार्य बहिष्कार करते हुए अपनी मांगे पूरी करने को लेकर जोरदार नारेबाजी की तथा अपनी मांगों को लेकर एसडीएम लोहाघाट को ज्ञापन दिया। कहा लंबे समय से सरकार से राजस्व पुलिस का कार्य नियमित पुलिस को देने और अंश निर्धारण, खतौनी को तैयार करने के लिए लैपटॉप, इंटरनेट के लिए डाटा पैक देने की मांग कर रहे है और शासन से पूर्व में भी अनुरोध किया गया था, लेकिन अभी तक शासन द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई तथा आंदोलन के बाद भी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया ।जिस कारण संघ के आव्हान पर आज से उन्होंने दो दिवसीय कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। राजस्व निरीक्षक व उप निरीक्षकों ने चेतावनी देते हुए कहा अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो संगठन वर्षा ऋतु ,आगामी पंचायत चुनाव के समय भी पूर्ण कार्य बहिष्कार और कलम बंद हड़ताल करने को लेकर विचार करेगा। राजस्व निरीक्षक व उप निरीक्षकों के कार्य बहिष्कार पर चले जाने से जाती समेत अन्य महत्वपूर्ण प्रमाण पत्र बनाने ,भूमि सर्वे ,सीमांकन का काम प्रभावित हुआ जिस कारण लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा । दूर-दूर क्षेत्र से आए लोग बिना काम कराए वापस बैरंग घरो को लौटे । संगठन जिला अध्यक्ष पुष्कर नाथ गोस्वामी व सचिव सुनील मेहरा ने बताया पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, राजस्व उप निरीक्षक एवं राजस्व सेवक संघ के आवाहन पर आज चंपावत जिले सहित प्रदेश में लगभग 1500 से अधिक कर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल में चले गए हैं। कहा अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो वह मानसून काल व पंचायत चुनाव के समय पूर्ण कार्य बहिष्कार कर सकते है।लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)