
प्रतियोगिता में धन की कमी होने से बच्चों को हो रही परेशानी
उत्तराखंड बने 17 साल होने के बावजूद अभी तक राज्य किसी भी क्षेत्र में अपने पैरों पर पूर्णतः खड़ा नहीं हो पाया है। ये नन्हें बच्चों की पौड़ी जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता में दिखाई दिया। जहाँ हर बच्चे ने खेल के क्षेत्र में अपने सपने संजोए होंगे। उन्हें पूरा करने के लिए कोई छात्र अगर पूरा दम – खम लगता भी है तो प्रतियोगिता पर होने वाले धन की कमी आड़े आती है। यही आज उत्तराखंड के बेसिक और जूनियर प्रतियोगी छात्रों के साथ हो रहा है ,ये श्रीनगर के जी आई एंड टी आई मैदान में समापन के दिन पौडी गढ़वाल के अधिकारी खुद बयां कर रहे है। श्रीनगर में 4 दिवसीय जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता में 15 विकास खंडों के 14 सौ बेसिक व जूनियर प्रतियोगी छात्रों की 15 टीमों ने भाग लिया था। खेल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर यमकेश्वर व दूसरे स्थान पर दुगड्डा व तीसरे स्थान पर नैनीडांडा विकास खंड रहा। इस खेल प्रतियोगिता में यमकेश्वर के मनीष पासवान सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गए। इस प्रतियोगिता में अंतिम दिन नगरपालिका के अध्यक्ष बिपिन मैठाणी मुख्याथिति रहे। बिपिन मैठाणी का कहना है कि छोटे नन्हे बच्चों की खेल भावना को धन की कमी से हुए संसाधनों के अभाव से दबाना नहीं चाहिए । सरकार के पास खेल क्षेत्र में बजट की कमी नही होती है । उन्होंने कहा कि श्रीनगर में हुए बेसिक और जूनियर जनपदीय खेल प्रतियोगिता में धन की कमी रही ।सरकार को नन्हे बच्चों के भविष्य को देखते हुए बजट की कमी नही करनी चाहिए। इधर प्रतियोगिता कर आयोजन संयोजक जिलाउपशिक्षाधिकारी ने खेल प्रतियोगिता के संपन्न कराने में श्रीनगर की जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के दिये धन के अभाव में भी नन्हे छात्रों को किसी भी तरह की कोई कमी नहीं होने दी और इसे बड़ा आयोजन बनाया।