
प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए लगाये इंफलुएंट ट्रीटमेंट प्लांट
पंतनगर स्थित सिडकुल में इंफलुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) लगने के बाद अब प्रदूषण पर काफी हद तक नियंत्रण होने की उम्मीद हो गईं है। इस प्लांट से अभी तक 194 उद्योग जुड़ चुके है और सीईटीपी द्वारा इन उधोगो द्वारा छोड़े जा रहे विषेले पानी को शुद्ध करने का काम जोरो – शोरो से चल रहा है।
पंतनगर स्थित सिडकुल एकीकृत औद्योगिक संस्थान की स्थापना वर्ष 2003-2004 में हुई थी और सिडकुल में 524 उधोग स्थापित हुए थे ।वर्तमान समय मे यहाँ 409 उधोग स्थापित है ।अभी तक इन उधोगो का विषेला पानी सिर्फ उधोगो के इंफलुएंट ट्रीटमेन्ट प्लांट से होकर नालो में प्रवाहित हो जाता था ,लेकिन अब इन उधोगो के दूषित पानी को शुद्ध करने का जिम्मा सिडकुल प्रशासन ने उठाया है और इसके लिए चार एमएलडी क्षमता का कामन इंफलुमेन्ट ट्रीटमेंट प्लांट लगाया है
वही सिडकुल के क्षेत्रीय अध्यक्ष जी एस रावत ने कहा की सिडकुल के साथ 214 उधोगो ने ट्रीटमेंट हेतु गंदा पानी देने का अनुबंध किया है,जिसमे से 196 उधोगो ने 1.25 एमएलडी गंदा पानी इस ट्रीटमेंट प्लांट को गंदा पानी उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है ।जिसके बाद इन उधोगो के दूषित पानी को शुद्ध करने का कार्य तेजी से शुरू हो गया है साथ ही रावत ने कहा की इस ट्रीटमेंट प्लांट लगने के बाद नदी नालों में शुद्ध पानी प्रवाहित तो होगा ही साथ ही प्रदूषण पर भी रोक लगेगी।