
भारतीय बुलेट 2022
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे बुधवार को दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचेंगे। इसके एक दिन बाद 14 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी और आबे अहमदाबाद के साबरमती रेलवे स्टेशन के पास एक मैदान में ट्रेन के लिए भूमि पूजन करेंगे। अपने दौरे के दौरान आबे और मोदी गुजरात में 12वें भारत-जापान एनुअल बाइलेटरल समिट हिस्सा में लेंगे। यह मोदी-आबे के बीच चौथा एनुअल समिट होगी। रेल मंत्री पीयूष गोयल और रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने बताया की “गुरुवार को भारतीय रेल दुनिया की एडवांस टेक्नोलॉजी से जुड़ेगी और देश की आर्थिक तरक्की को और स्पीड देगी। भारतीय रेल पिछले चार-पांच दशकों से उस तकनीक से चल रही है, जो ज्यादातर विकसित देशों में खारिज की जा चुकी है। भारत में शिन्कान्सेन टेक्नोलॉजी आने से भारतीय रेलवे की दिशा और दशा दोनों बदल जाएगी, जापान ने बहुत ही सस्ते रेट्स यानी 0.1% इंट्रेस्ट पर 50 साल के पीरियड के लिये करीब 88 हजार करोड़ रुपए का लोन दिया है, जो लगभग मुफ्त पड़ेगा। इसके साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के जरिए से भारत में मेक इन इंडिया के तहत सस्ती बुलेट ट्रेनें बनेंगी। इन्हें बाद में एक्सपोर्ट भी किया जा सकेगा और पैसा कमाया जा सकेगा, बुलेट ट्रेन की लागत में कमी आने से इस टेक्निक से भारतीय रेल नेटवर्क को भी अपडेट किया जा सकेगा, इस प्रकार से यह प्रोजेक्ट भारतीय रेलवे की सूरत बदलने वाला होगा, 508 किलोमीटर लंबी लाइन पर 350 किलोमीटर की स्पीड से चलने वाली पैसेंजर ट्रेन के अलावा फल, फूल, सब्ज़ी, दूध और दूसरे जल्द खराब होने वाले सामान को भी लाने ले जाने के लिये हाईस्पीड मालगाड़ियों को चलाया जाएगा कुल 21 किमी लंबा सुरंग मार्ग ठाणे-मुंबई के बीच, जिसमें से 7 किमी मार्ग समुद्र के नीचे होगा। रेलवे के मुताबिक पहले हफ्ते से ही रोज 36000 यात्री सफर करेंगे।” 160 साल पुराने रेल सिस्टम को पूरी तरह से बदलने की जरूरत है। बुलेट ट्रेन टेक्नोलॉजी भारतीय रेलवे को यह अवसर मुहैया कराएगी। उन्होंने कहा कि ये वैसा ही है जब 1970 में मारुति सुजुकी को लॉन्च किया था। इसके बाद भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर में बदल गया था। इस प्रोजेक्ट की लागत तकरीबन 1,08,000 करोड़ रूपयें तक आयेगी तथा इससे 20000 लोगों को इनडायरेक्ट व 4000 हजार लोगो को डायरेक्ट जॉब मिलेंगी। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने ये भी कहा की ये ट्रेंन देश की आर्थिक तरक्की को ओर स्पीड देगी इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का टारगेट अब भी दिसंबर 2023 ही है, लेकिन हम इसे 15 अगस्त, 2022 तक खत्म करने की कोशिश करेंगे। हमें उम्मीद है कि 2022 तक भारत को पहली बुलेट ट्रेन मिल जाएगी।