भ्रष्टाचार का पर्याय बनी ये ग्रामसभा
चम्पावत जिले के बनबसा में फागपुर ग्रामसभा भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुकी है। जहाँ अपने चहेतों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया गया और पात्रों को योजनाओं के करीब भी नही आने दिया गया। शौचालय घोटाला, इंदिरा आवास घोटला, पंचायत भवन निर्माण घोटाला से फागपुर ग्राम सभा जिले की सबसे चर्चित ग्राम सभाओं मे शुमार हो गयी है। घोटालों की सूचना आरटीआई के द्वारा सामने आने पर अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिये ग्राम प्रधान ने आरटीआई कार्यकर्ता के अलावा एक पत्रकार और सम्पादक पर विभिन्न धाराओं मे मुकदमा दर्ज कराके अपनी पहुँच दिखाकर औरों को डराने का भी काम किया है।
ये रहा मामला
बनबसा की न्याय पंचायत मे फागपुर ग्राम सभा अनुसूचित ग्राम सभा है।अंतर्राष्ट्रीय सीमा के करीब होने से कई मदों से बजट भी ठीक ठाक मिल जाता है। फ़िलहाल गाँव में आने वाली तमाम सरकारी योजनाओं के बजट को साथ गाँठ करके पलीता लगाने का भी काम किया गया जा रहा है। ग्राम प्रधान द्वारा अपनी ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के साथ मिलकर योजनाओं की धनराशि का बन्दर बाट किया जा रहा है। विभागीय स्तर पर होने वाली कई जांचों को मिलीभगत कर दबा दिया गया है। लेकिन हर बार शिकायत कर्ताओं और फरियादियों को मुँह की खाने पर मजबूर होना पड़ा है।
आरटीआई से खुला मामला
आखिरकार एक आरटीआई कार्यकर्ता ने ग्रामीणों की फरियाद पर सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगी तब जाकर यह मामले उजागर हुए. अपनी करतूत उजागर होने से बौखलाए ग्राम प्रधान ने आरटीआई कार्यकर्ता और खबर का प्रकाशन करने वाले पत्रकार और उसके सम्पादक के खिलाफ विभिन्न धाराओं मे मुकदमा दर्ज कराके जाँच को प्रभावित करने का काम किया जा रहा है ।
गाँववालों ने भी भ्रष्टाचार की पुष्टि करते हुए कहा है कि हमें सरकारी योजनाओं का लाभ नही दिया जा रहा है। जो शौचालय गरीबों को मिलने चाहिए वो तो नही मिल रहे है बल्कि जो आर्थिक रूप से सम्पन्न है और पहले से ही उनके यहाँ शौचालय बने हुए हैं। उनके यहाँ सरकारी शौचालय बनाये गये हैं। कुछ गरीबों के यहाँ अगर शौचालय बनाये भी गये है तो उनकी गुणवत्ता को ताक पर रख दिया गया है। किसी की शीट टूटी है तो किसी के गटर के ढक्कन ही रखने से पहले टूट गये हैं। वहीँ लोगों ने कहा कि ग्राम पंचायत के भवन के फर्श का पैसा पहले ही हड़प कर लिया गया और जब शिकायत पर जाँच होती है तो रातों रात फर्श डाल दिया जाता है। मोदी जी की कैश लेस योजना भी इस गाँव मे ताक पर रख दी जाती है। ग्राम प्रधान ने शौचालय की मद से लगभग नौ लाख रुपये के चेक अपने बेटे और जेठ की बगैर रजिस्टर्ड फर्म के नाम काट दिये। जहाँ एक ओर अमीरों के एपीएल राशन कार्ड बनाये गये है तो वही पन्नियों की छाँव में जीवन गुजारने वाले बेसहारा गरीबों के एपीएल राशन कार्ड बनवाकर ग्राम प्रधान ने अपनी हठधर्मिता का परिचय दिया है। लेकिन इस जिले मे गरीबों की अभी तक किसी भी अधिकारी और नेता ने फरियाद नही सुनी है। लोगो का कहना है कि ग्राम पंचायत के भवन में प्रधान तो मिलती नही आवारा जानवर यहाँ पर बँधे रहते है।
वही दूसरी ओर जाँच अधिकारी का कहना है कि पहले भी इस गाँव मे निर्माण कार्यों व सरकारी योजनाओं की जाँच की जा चुकी है। इस बार जो जाँच की जा रही है पूरी तरह से धरातल पर की जा रही है। उसके बाद ग्राम पंचायत के अभिलेखों भी खंगाला जायेगा। मामले मे अनियमितता पाये जाने पर उचित कार्यवाही अमल मे लायी जायेगी।
फागपुर ग्राम सभा लगातार सुर्ख़ियों मे रहने के बाद जिले की हाई प्रोफाइल ग्राम सभा बन चुकी है। देखना यह होगा कि इस बार की जाँच कितनी निष्पक्ष होती है यह तो आने वाला समय ही बतायेगा। फिलहाल मामला तीन लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने से खासा गरम ज़रूर हो गया है। जाँच के दौरान मीडिया के मौजूद रहने से अब पीडित भी खुलकर बोलने लगे है। योजनाओं के पात्र गरीब परिवारों के लोग खुलकर कहने लगे है कि भले ही लोक सेवक हमारी नही सुन रहे है लेकिन मीडिया पूरा मामला उजागर कर रही है। वही अब लोग जाँच रिपोर्ट आने का इंतज़ार कर रहे है।
पति ही निकला पत्नी का कातिल
उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक ऐसा मामला सामने आया है,
जिसने पति-पत्नी के रिश्ते पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
50 लाख की बीमा राशि और पत्नी से छुटकारा पाने के लिए
पति ने उसका मर्डर कराया। पड़ोस में रहने वाले डॉक्टर ने पति के
कहने पर शिक्षिका की तकिये से मुंह दबाकर हत्या की।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
एक पति को अपनी पत्नी की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने बताया कि 50 लाख रुपये की बीमा की राशि का दावा
करने के लिए शख्स ने अपनी पत्नी का मर्डर करवाया।
शिक्षिका चंदा अरोड़ा (40) की शादी जून 2012 में मेरठ के शास्त्रीनगर
सेक्टर-2 में रहने वाले टेंच व्यवसायी संजय लूथरा से हुई थी।
बीते 20 फरवरी की रात चंद्र की संदिग्ध हालात में मौत हो गई।
डेड बॉडी डीप फ्रीजर में रखी मिली । परिजनों ने चंदा के ससुरालवालों पर हत्या का आरोप लगाया था।
21 फरवरी को शव का पोस्टमार्टम हुआ। जिसमें मौत की वजह स्पष्ट नहीं हुई।
पुलिस ने बिसरा व हार्ट प्रिजर्व कर लिया।
रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने कोई केस दर्ज नहीं किया।
डॉक्टर ने की हत्या
संजय लूथरा के अनुसार, उसने पड़ोसी डॉक्टर रजत भारद्वाज को ब्याज
पर 1.35 लाख रुपए उधार दिए थे। डॉक्टर द्वरा पैसे ना लौटाए
जाने पर संजय ने डॉक्टर से कहा कि अगर वह उसकी पत्नी का मर्डर कर देगा
तो रुपए नहीं मांगेगा। देनदारी से बचने के लिए डॉक्टर तैयार हो गया।
संजन ने 20 फरवरी की रात पत्नी को नींद की गोलियां दी।
रात करीब पौने 2 बजे पड़ोसी डॉक्टर छत के रास्ते उसके घर में आया।
उस वक्त चंदा सो रही थी। डॉक्टर ने तकिये से मुंह दबाकर चंदा को मार डाला।
सोमिया कुटियाल
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