
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आइएइस अधिकारियों से लिया फीडबैक
देहरादून मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आइएइस अधिकारियों से पूछा आपकी दृष्टि में, जीरो बजट की कौन सी कल्याणकारी जन योजनाएं चलाई जा सकती है? चकबंदी को कैसे प्रोत्साहित किया जाय? किसान की मदद के लिये आपका क्या विजन है? स्कूली शिक्षा का स्तर कैसे सुधारा जाए? पहाड़ों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिये क्या कदम जरूरी है
मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष का आम जनता के हित में अच्छे से अच्छा उपयोग कैसे होना चाहिए? स्वास्थ्य सेवाओं को कैसे मजबूत किया जाए? सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए संकल्पबद्ध है। इसके लिये जिलाधिकारियों और संबन्धित विभागीय अधिकारियों को पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना होगा। बेस्ट प्रैक्टिसेज को चिन्हित करके उनका प्रचार-प्रसार करना होगा। सभी लाइन डिपार्टमेंट (संबंधित विभाग) और फंडिग एजेन्सियों के प्रयासों का एकीकरण करने की जरूरत भी है। किसानों को सभी योजनाओं की जानकारी व सभी सुविधाएं एक स्थान पर मिले इसके लिये एक सिंगल विण्डो सिस्टम स्थापित किया जाना जरूरी है। ये विचार मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को सचिवालय में आई.ए.एस. वीक के शुभारंभ सत्र में व्यक्त किए।सचिव कृषि सेंथिल पाण्डियन ने मुख्यमंत्री और अन्य आई.ए.एस. अधिकारियों के समक्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने संबंधी एक विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। श्री पाण्डियन ने कहा कि सरकार फार्म मैनेजमेंट के सभी पहलुओं पर ध्यान देगी। किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीज समय पर मिले तथा कृषि मे सीड रिप्लेसमेंट दर बढ़ाना (बीजों में बदलाव) भी प्राथमिकता है। उन्होने कहा कि क्लस्टरवार कृषि उपजों को चिन्हित कर खेती करना एक लाभदायक उपाय होगा। पाॅली हाउस खेती को भी बढ़ावा दिया जायेगा। सभी किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड दिये जायेंगे और गावों में फार्म मशीनरी बैंक विकसित किये जा रहे हैं। फसल बीमा योजना में ऐसे सभी किसानों को आच्छादित किया जायेगा जिन्होने खेती के लिये ऋण लिया है।
जंगली जानवरों से कृषि को बचाने के लिये क्लस्टरवार ऐसी उपजें चिन्हित की जा रही है, जिनको जंगली पशुओं से खतरा न हो। इसके साथ ही उन्होंने पोस्ट हारवेस्ट प्रबन्धन पर भी अपनी कार्ययोजना बताई। उन्होने कहा कि प्रदेश में 400 से अधिक सहायक कृषि अधिकारी है जो कृषि विषय में परास्नातक हैं इनका उपयोग जिलाधिकारियों को करना चाहिए। पाण्डियन के प्रस्तुतिकरण के बाद उपस्थित आई.ए.एस. अधिकारियों ने अपने-अपने सुझाव भी प्रस्तुत किये।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सम्मेलन में आईएएस अधिकारियों से हाल ही में उनके स्कूल भ्रमण के अनुभवों की भी जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने पूछा कि छात्र-छात्राओं से औपचारिक बातचीत के अतिरिक्त क्या अधिकारियों ने छात्रों से व्यक्तिगत बातचीत कर उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास किया ? उन्हें छात्रों की क्या-क्या समस्याएं पता चली तथा सरकार उन्हें कैसे दूर कर सकती है।