
मेडिकल कालेज को लेकर एक बार भी रक्षा मंत्रायल से बात करेगी सरकार
राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर और निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा सेना को सौंपने की राज्य सरकार की मुहिम को झटका लगा है। रक्षा मंत्रालय ने राज्य सरकार के अनुरोध को नामंजूर कर दिया है। मंत्रालय ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को पत्र लिखकर कहा है कि सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा उक्त मेडिकल कॉलेजों के प्रबंधन का भार उठाने में सक्षम नहीं है। मुख्यमंत्री ने बीती 24 अप्रैल को रक्षा मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर उक्त दोनों मेडिकल कॉलेजों को सशस्त्र सेना चिकित्सा विद्यालय के रूप में रक्षा मंत्रालय से संचालित करने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री के अनुरोध के जवाब में बतौर रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने उक्त दोनों मेडिकल कॉलेजों के संचालन में असमर्थता जता दी लेकिन अब अरुण जेटली के स्थान पर निर्मला सीतारमण रक्षा मंत्री हैं। बीती 16 अगस्त को जेटली की ओर से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को पत्र भेजा गया था। पत्र में कहा गया कि सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा में प्रशिक्षित प्राध्यापकों, गैर अध्यापन कर्मचारियों और नर्सों की सीमित उपलब्धता है। वर्तमान में सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा अपने पुणे स्थित महाविद्यालय और दूसरे स्नातकोत्तर अध्यापन संस्थानों सहित चिकित्सा विज्ञान के सेना महाविद्यालय को मदद करने में सक्षम है। पत्र में खेद जताते हुए कहा गया कि सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा राज्य के उक्त दोनों मेडिकल कॉलेजों के प्रबंधन का अतिरिक्त भार वहन करने और प्राध्यापक व कर्मचारी प्रदान करने में सक्षम नहीं है। रक्षा मंत्रालय के इस कदम से राज्य सरकार सकते में है। वही इस मामले पर उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता मदन कोशिक का कहना है कि सूबे के सीएम इस मालमे पर एक बार केंद्र सरकार के बात करेगें।