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राजधानी में लगा भिक्षावृत्ति पर ताला, भिक्षुकों को मिलेगा रोजगार…जिलाधिकारी सविन बंसल की शानदार पहल

राजधानी देहरादून को अब भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस प्रोजेक्ट की नींव रखी है, जिसके अंतर्गत भिक्षावृति करने वाले लोगों को रेस्क्यू कर उन्हें रोजगार की मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा.

राजधानी देहरादून को उसकी असल पहचान और उसके स्लोगन “सुंदर दून, साक्षर दून” को सत्यार्थ करनें के लिए देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल पीछले काफी समय से कार्यरत हैं। जिलाधिकारी सविन बंसल ने इससे पहले भी राजधानी के भिक्षुक बच्चों को इकट्ठा कर उनके हाथों से कटोरे लेकर उन्हें कलम पकड़ाई थी, लिहाजा अब जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने गुरुवार को भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यस्क लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए बैगर्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) साइन किया है , इस प्रोजेक्ट का मकसद है कि देहरादून शहर को भिक्षावृति से मुक्त करना और भिक्षावृत्ति में संलग्न वयस्कों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें मुख्यधारा के रोजगार से जोड़कर उद्यमिता की ओर अग्रसर कराना। इस प्रोजेक्ट को लेकर जिला समाज कल्याण अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में बीते तीन महीनों से कार्यरत थे। आपको बता दें कि इस प्रोजेक्ट की पर्सनल मॉनिटरिंग स्वंय जिलाधिकारी सविन बंसल कर रहे हैं।        

भिक्षुकों को मिलेगा रोजगार

        देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने अपनी प्रशासनिक टीम के साथ खुले हाथों से बैगर्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड का स्वागत किया, जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि राजधानी को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने के लिए जिला प्रशासन निरंतर हर संभव प्रयास कर रहा है। आपको बता दें कि इस प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले तो पूरे जिले में भिक्षुकों को चिह्नित कर उन्हें उद्यमी केंद्र में दाखिल किया जाएगा, इसके बाद उनकी व्यक्तिगत क्षमताओं का मूल्यांकन करके उन्हें विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही प्रदेश से ऐसे सभी लोगों को रेस्क्यू कर सिलाई, खाद्य तैयारी, हस्तशिल्प जैसे आवश्यक कौशल प्रदान किए जाएंगे और भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों को व्यवसाय स्थापित करने, विपणन और वित्तीय प्रबंधन में मार्गदर्शन देने के लिए मार्गदर्शकों की नियुक्ति की जाएगी। इन लोगों को प्रशिक्षित कर उनसे अक्सर स्थायी प्रथाओं पर सामग्री या स्थानीय शिल्प का उपयोग करके विशिष्ट उत्पादों का विकास करवाया जाएगा। तो वहीं इनके द्वारा निर्मित वस्तुओं की बाजार में पहुंच बनाने के लिए होटल, दुकानों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों के साथ सहयोग करके उनके उत्पादों को संभावित ग्राहकों से जोड़ा जाएगा।              
Writer-शुभम तिवारी,HNN24X7
   

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