
रफ़्तार पकड़ रही है चारधाम यात्रा, ऋषिकेश में बढ़ी चहल-पहल
28 अप्रैल से शुरू हुयी चार धाम यात्रा धीरे – धीरे रफ़्तार पकड़ती नजर आ रही है. 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद अब एक बार फिर चार धाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में यात्रा की चहल-पहल दिनों दिन बढ़ने लगी है. केदारनाथ यात्रा की अभी शुरुआत ही हुई है और यात्रियों की संख्या ने डेढ़ लाख का आंकड़ा पार कर लिया है. केदारनाथ और बद्रीनाथ यात्रा के लिए लगातार तीर्थ यात्री बड़ी संख्या में उत्तराखंड पहुंच रहे हैं और उनके मन में किसी भी तरह का डर नहीं है. चारधाम यात्रा के लिए इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों का पहुंचना उत्तराखंड कि सुस्त पड़ी आर्थिकी के लिए भी वरदान साबित हो रहा है. गौरतलब है कि 2013 की आपदा के बाद पहाड़ों में रोजगार पूरी तरह से ठप्प हो गया था, तमाम कोशिशों के बावजूद चार धाम यात्रा पटरी पर नहीं आ पा रही थी. लेकिन 2016 में यात्रा से रुके व्यापार को गति मिली तो वहीँ 2017 के शुरुवाती आंकड़ों में एक बार फिर उत्तराखंड में ठन्डे पड़े पर्यटन व्यवसाय में गति ला दी है. चार धाम यात्रा में जाने वाले यात्रियों का उत्साह बढ़ चढ़ के दिख रहा है. यात्री एक बार फिर पहाड़ो का रुख करने लगे हैं. यात्रियों में बढ़ते विश्वास ने अस्त – व्यस्त पड़े पर्यटन व्यवसाय को पटरी पर लाना शुरू कर दिया है. देवभूमि के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में ठप्प पड गए व्यापार में अब रौनक लोटने लगी है. यात्रा को लेकर ऋषिकेश व्यापारियों में उत्साह है. व्यापारियों को उम्मीद है की 2016 की तरह ही इस साल भी यात्रा काफी अच्छी रहेगी और यात्रियों की संख्या और बढ़ेगी.2017 के चार धाम यात्रा के पंजीकरण आंकड़े बताते हैं कि आपदा के बाद जो एक भय का माहौल था वो अब ख़त्म हो गया है. पिछले साल की तरह ही इस साल भी यात्रा में रौनक देखने को मिल रही है. देश के विभिन्न प्रदेशों और विदेशों से आये यात्री बद्रीनाथ केदारनाथ के आलावा गंगोत्री और यमुनोत्री के भी दर्शन करने के लिए निकले हैं. आपको बता दें की अभी तक यमुनोत्री दर्शन के लिए 43,555 तो गंगोत्री के लिए 40.054, केदारनाथ के लिए 40,534 और बद्रीनाथ के लिए 28,153 यात्री दर्शन कर चुके हैं. बायोमीट्रिक अधिकारी प्रेमानन्द के अनुसार अब तक चारों धामों में डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच चुके हैं और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. वहीं इसे चार धाम यात्रा के प्रति श्रद्धालुओं का अटूट विश्वास ही कहेंगे की साल दर साल लाखों श्रद्धालु इस यात्रा का हिस्सा बन रहे हैं.