
1993 मुम्बई ब्लास्ट: दोषियों को कड़ी सजा का ऐलान
शुक्रवार 12 मार्च 1993 को मुम्बई में 13 अलग-अलग जगहों पर हुए सीरियल बम धमाकों में 257 निर्दोष लोग मारे गये थे और जिसमें 713 लोग घायल हुए थे. ये धमाके बॉम्बे स्टाक एक्सचेंज, एयर इण्डिया बिल्डिंग और ‘सी-रॉक’ जैसे होटल सहित शहर की 13 जगहों पर हुए थे जिनका मास्टरमाइंड अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम था. जिस मामले में आज विशेष अदालत स्पेशल टेरेरिस्ट एंड डिसरप्टिव एक्टिविटिज प्रिवेंशन एक्ट (टाडा) ने सजा का ऐलान कर दिया है. अबु सलेम और मुस्तफा दौसा इस मामले में मुख्य आरोपी थे. इससे पहले 16 जून को कोर्ट ने अबु सलेम, मुस्तफा दौसा, उसके भाई मोहम्मद दौसा, फिरोज अब्दुल राशिद खान, ताहिर मर्चेंट और करीमुउल्लाह शेख को दोषी करार दिया था. मुस्तफा की 28 जून को हार्ट अटैक से मौत हो गयी थी. जज ने ताहिर मर्चेंट और फिरोज खान को फांसी की, अबु सलेम को एक केस में 2 लाख रुपये का जुर्माना व उम्र कैद, तीसरे आरोपी रियाज सिद्धिकी को 10 साल व करीमुल्लाह जो की टाइगर मेमन का करीबी है को हथियार सप्लाई करने का दोषी करार ठहराते हुए 7.5 लाख का जुर्माना व उम्र कैद की सजा सुनाई है. अबु सलेम को पुर्तगाल से भारत प्रत्यर्पित किये जाने के बाद प्रत्यर्पण नियमों से बधें होने के कारण भारत उसे फांसी की सजा नहीं दे सकता है जिस कारण उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गयी है.