
9/11 : दर्द अब भी जिन्दा
आज ही के दिन 11 सितंबर 2001 को न्यूयार्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकी हमले को 16 साल हो गए हैं। उस हमले का दर्द आज भी वहां के लोगों में जिंदा है। भले ही अब वहां सबकुछ बदल चुका है लेकिन वो भयानक लम्हा लोगों को भुलाए नहीं भूलता। 11 सितंबर साल 2001 में अलकायदा के आतंकियों ने आज ही के दिन अमरीका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर,पेंटागन और पेंसिलवेनिया में एक साथ हमले को अंजाम दिया था। इस दिन को 9/11 के नाम से याद किया जाता हैं। साल 2001 में अलकायदा के आतंकियों ने आज ही के दिन अमरीका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर,पेंटागन और पेंसिलवेनिया में एक साथ हमले को अंजाम दिया था।आतंकियों ने 4 पैसेंजर एयरक्राफ्ट हाइजैक किए थे,जिसमें 3 प्लेन सही निशाने तक पहुंचे,जबकि चौथा क्रैश हो गया था। अपहरणकर्त्ताओं ने जानबूझकर उनमें से दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, न्यूयॉर्क शहर के ट्विन टावर्स के साथ टकरा दिया, जिससे विमानों पर सवार सभी लोग तथा भवनों के अंदर काम करने वाले अन्य लोग भी मारे गए थे। दोनों भवन दो घंटे के अंदर बुरी तरह से ध्वस्त हो गए थे। इसके साथ ही आसपास की इमारतें भी नष्ट हो गई थीं।इस हमले को 19 आतंकियों ने मिलकर अंजाम दिया था। आतंकियों ने 2 पैसेंजर प्लेन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के टावर में घुसा दिए थे। करीब 1 घंटे 42 मिनट के अंदर ही 110 मंजिल वाली वाली वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दोनों बिल्डिंग पूरी तरह से धराशाही हो गईं। इसके बाद तीसरे प्लेन से पेंटागन पर हमला किया गया, जिसमें पेंटागन की बिल्डिंग के वेस्टर्न हिस्से को थोड़ा नुकसान पहुंचा था।वहीं, वॉशिंगटन डीसी की ओर जा रहा चौथा प्लेन पेंसिलवेनिया में स्टोनीक्रीक टाउनशिप में एक मैदान में क्रैश हो गया था। इस हमले में 400 पुलिस अफसरों और फायरफाइटर्स समेत 3000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में 57 देशों के लोग शामिल थे। अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन ने शुरुआत में हमले में हाथ होने से इन्कार किया, लेकिन 2004 में उसने हमले की जिम्मेदारी ले ली। इसके बाद अमेरिका ने हमले का बदला लेते हुए 2 मई 2011 को पाकिस्तान के ऐबटाबाद में ओसामा को मार गिराया था।