
94 साल की Cancer विशेसज्ञ V. Shanta हमारे बीच अब नहीं रही।
सांस लेने में परेशानी होने की वजह से उन्हें चेन्नई के ओपलो
हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
डॉ V. Shanta ने Cancer के मरीजों के लिए भारत में उनका इलाज
बहुत आसान कर दिया था। उन्होंने कैंसर के क्षेत्र में गहराई से रिसर्च किया है।
कैंसर के इलाज को आम आदमी के लिए इतना आसान बना दिया कि अब
Cancer की बीमारी होने पर किसी को डर नहीं लगता हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख जताया है और प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर
उनके बारे में लिखा, “डॉक्टर V. Shanta को कैंसर रोगियों की देखभाल करने और
सुनिश्चित करने में उनके उत्कृष्ट प्रयासों के लिए याद किया जाएगा।
चेन्नई के आदयार में स्थित Cancer संस्थान गरीबों और दलितों की सेवा करने में सबसे आगे है।
मुझसे 2018 में आपके संस्थान की यात्रा याद है। डॉ V. Shanta के निधन से दुखी हुं।
ओम शांति।“
वित्त मंत्री डॉ निर्मला सीतारमण ने कया कहा
डॉक्टर V. Shanta के निधन पर केंद्रीय वित्त मंत्री डॉ निर्मला सीतारमण ने कहा,
“सादर कैंसर संस्था की चेयरमैन डॉ शांता अब हमारे बीच नहीं रहीं।
वह जरूरतमंद व गरीब लोगों की सेवा में आगे आते थे।
वह अस्पताल परिसर के भीतर ही एक कमरे में रहती थी।
Cancer रोगियों का इलाज उनका एकमात्र लक्ष्य था।
वह एक संत सामान थी। उन्हें हाथ जोड़कर नमन है।”
डॉ. V. Shanta की जीवनी
डॉ. वी शांता का जन्म 11 मार्च 1927 को चेन्नई में हुआ। नेशनल गर्ल्स हाई स्कूल से
प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद वह मेडिसीन क्षेत्र में आईं और इस क्षेत्र में जीवन को बिताया।
उन्होंने 1946 में एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की। 1952 में डीजीओ बनी और 1955 में
गायनीकोलॉजी में एमडी की डिग्री हासिल की।
-सागरिका
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