
उत्तर प्रदेश में भी कोरोना वैक्सीन का भंडारण होगा, जिसमें करीब 4.5 करोड़ डोज
के कोविड-19 की वैक्सीन का भंडारण होगा, साथ ही इनकी देखभाल की पूरी जिम्मेदारी
यूनिसेफ को दिया गया है। वैक्सीन के भंडारण की क्षमता 15 जनवरी तक 2.03 लाख
लीटर से बढ़ाकर 2.50 लाख लीटर कर दी गई हैं। अभी तक उत्तर प्रदेश में करीब 50
हजार से अधिक लीटर के भंडारण की व्यवस्था यूपी सरकार द्वारा की गई है।
उत्तर प्रदेश विश्व में वैक्सीन भंडारण में सबसे आगे
यूपी वर्तमान में विश्वभर में सबसे बेहतरी कोल्ड-चैन व वैक्सीन के भंडारण का स्त्रोत हैं।
इस स्थान में एकत्रित वैक्सीनों का प्रयोग पोलियो जैसे रोग और रुटीन टीकाकरण के लिए
किया जाता है। यूनिसेफ की देखरेख में चल रहे यूपी के वैक्सीन सिस्टम को देखने के लिए
विश्वभर के 28 देश में यूपी में आते हैं। भारत सरकार के निर्देश के मिलने के बाद यूनिसेफ
ने स्वास्थ्य विभाग से मिलकर वैक्सीन भंडारण, कोल्ड चेन मैनेजमेंट टीके की डोज की
जांच की थी।
वैक्सीन का भंडारण के अहम बातें
यूनिसेफ द्वारा कोरोना की वैक्सीन भंडारण के बाद आइस लाइन रेफ्रिजरेटर
(आईएलआर के तापमान पर नजर रखने के लिए यूनिसेफ ऑर्टिफिसियल इंटेलीजेंस
(एआई) का प्रयोग करता है। एआई के आधार पर कोरोना की वैक्सीन की गुणवत्ता
की तापमान के लिए इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटीग्रेटेड नेटवर्क से आईएलआर पर रखी जाएगी ।
साथ ही एक क्लिक पर प्रत्येक प्वाइंट के तापमान का पता लगाया जा सकेगा।
UP में सर्वश्रेष्ठ वैक्सीन भंडारण बनने की तैयारी
उत्तर प्रदेश विश्व के सर्वश्रेष्ठ वैक्सीन भंडारण व कोल्ड चेन सिस्टम बनाने की तैयारी में है।
साथ ही इस योजना में प्रदेश सरकार के गृह स्वास्थय समेत कई विभाग अपनी भागीदारी
निभा रहे हैं। यूनिसेफ और डब्लूएचओ भी अपनी पूरी भागीदारी निभा रही हैं।
उत्तर प्रदेश में वैक्सीन के भंडारण की व्यवस्था
राज्य स्तरीय भंडारण केंद्र:- 9
मंडल स्तरीय भंडारण केंद्र:- 9
जिला स्तरीय भंडारण केंद्र:- 15
सीएचसी कोल्ड चेन प्वॉइंट:- 1298
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