शक्ति मिल परिसर में महिला फोटोपत्रकार गैंगरेप केस में मुंबई हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला है। उन्होने दोषियों की फांसी की सजा को बदलकर उम्रकेद कर दी है।
गैंगरेप के मामले में तीन आरोपियों को निजात मिली है। जस्टिस साधना जाधव और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच ने तीन गुन्हेगारों विजय जाधव, मोहम्मद कासिम शेख तथा मोहम्मद अंसारी को मृत्यु दंड़ देने से इंकार कर दिया है। लेकिन न्यायालय का कहना है कि, इन्होने जो जुर्म किया है उसके पश्चाताप के लिए आजीवन कारावास की सजा आवश्यक है।
जानकारी के अनुसार 22 अगस्त 2013 में महालक्ष्मी इलाके में वर्षों से बंद पड़ी सुनसान मिल में शाम के 6 बजे महिला फोटो जर्नलिस्ट और उसका साथी मिल परिसर मे कवरेज करने गए थे। उस समय कुछ लोग वहां पहले से मौजूद थे उन्होने स्वंय को पुलिस बताते हुए महिला को फोटो खिचने से मान किया। उनसे कहा गया कि, यदि आपके फोटो खींचनी है तो पहले हमारे अधिकारी से मंजूरी लेनी होगी। उसके पश्चात वह उन दोनों पर हमला करके महिला पत्रकार के साथी को बांध दिया।
उसके बाद पांच लोगों ने उस महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया। उसके दो घंटे बाद वह दोनों मुश्किल से जान बचाकर वहां से अस्पताल भागे। वहां पहुंचने पर लड़की की हालत देखकर डॉक्टर सारा मामला समझ गए। उन्होनें पुलिस तक इस घटना कि सूचना दी जिसे सुनकर पुलिस भी दंग रह गई।
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पुलिस ने आरोपियों की ख़ोज के लिए जल्दबाजी में कई टीमें बनाई। उनकी सहायता से 72 घंटो के अंदर पुलिस ने पांचों आरोपियों को पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान पता चला की इनमें से तीन अपराधियों ने उसी मिल में ही एक गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था।
अंजली सजवाण