विदेश मंत्रालय के पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम के लिए
डिजी लॉकर प्लेटफॉर्म का उध्दाटन करते हुए केंद्रीय
विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि इससे नागरिकों को
काफी मदद मिलेगी, साथ ही कहा कि अब नागरिकों को
पासपोर्ट के लिए ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स को ले जाने की जरुरत नहीं होगी।
विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम देश में
पासपोर्ट सेवाओं के विस्तार की दिशा में बहुत बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है।
हर महीने पासपोर्ट के लिए आवेदन करने वालों की संखया लगातार बढ़ रही है।
2017 में पहली बार एक महीने में आवेदन करने वालों की संख्या ने एक मिलियन
का आकड़ा छुआ था, साथ ही साथ कहा कि पासपोर्ट सेवा प्रोजेक्ट के माध्यम
से सात करोड़ से अधिक पासपोर्ट जारी किए गए है।
अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए
विदेश मंत्री ने कहा कि हमने नागरिकों के लिए सर्विस के अनुभव को बेहतर
बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए है, न केवल पासपोर्ट नियमों को
सरल बनाने का काम किया है, बल्कि नागरिकों के घर के करीब भी पासपोर्ट सर्विस लेने
की दिशा में भी काम किया है, प्रधान डाकघरों में पासपोर्ट
सेवा केंद्र शुरु करना इस दिशा में एक कदम था।
उन्होंने कहा कि 426 डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र चालू हो
चुके है और कई और पाइपलाइन में हैं। मंत्री ने कहा कि 36 पासपोर्ट
कार्यालयों और 93 मौजूदा पासपोर्ट सेवा केंद्रों में जोड़े जाने पर देश
में कुल 555 पासपोर्ट कार्यालय जनता के लिए मौजूद है, साथ ही कहा
कि हम नागरिकों को सुरक्षा बढ़ाने के लिए ई-पासपोर्ट बनाने की दिशा
में भी काम कर रहे हैं, जिससे पासपोर्ट पर दर्ज आंकड़ों के
साथ छेड़छाड़ करना मुश्किल हो जाता है और जिससे धोखाधड़ी की संभावनाएं कम होंगी।
–संध्या कौशल
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