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पटाखों के धुएं से दूनघाटी की वायु हुई प्रदूषित

देहरादून में वायु प्रदुषण का अंदाजा पटाखों के धुएं से लगाया जा सकता है इसका कारण दिवाली में पटाखों का ज्यादा इस्तेमाल होना है, 4 नवंबर को दीपावली का पर्व अत्यंत हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाया गया खूब पटाखों की धूम मची, लेकिन वहीं लोग पटाखे फोड़ते- फोड़ते ये भूल गए कि हम वायु को कितना प्रदूषित कर रहे हैं। जो कि कितना खतरनाक होता है। उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 11 नवंबर को थर्ड पार्टी से वायु प्रदूषण की जांच कराई। जांच में दीपावली से सात दिन पहले 28 अक्टूबर को घंटाघर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 142 था, वहीं दीपावली के बाद इसके आसपास प्रदूषण नौ नवंबर को आया। उस दिन यहां 159 इंडेक्स पाया गया। ठीक इसी तरह नेहरु कॉलोनी में 28 अक्टूबर को AQI 110 था और नौ नवंबर को 130 रिकार्ड किया गया। दीपावली से पहले और बाद के सात दिनों का एक्यूआइ नेहरू कॉलोनी से घंटाघर 28 अक्टूवर,110,159 29 ” ” ” ,107,167 30 ” ” ” , 123,190 31 ” ” ” , 110,130 01 ” ” ” , 111,126 02 ” ” ” , 119,150 03 ” ” ” , 154,214 04 ” ” ” , 262, 306 05 ” ” ” , 262, 306 06 ” ” ” , 201, 266 07 ” ” ” , 173, 201 आमतौर पर दून का एक्यूआर सामान्य श्रेणी में रहता है। लेकिन इसका मतलब यह नही है, कि दून की हवाएं बिल्कुल साफ है। इसके निरंतर प्रदूषित होने की आशंका बढ़ रही है। यह हवा वैसे तो किसी के लिए भी ठीक नहीं है लेकिन बच्चों और बुजुर्गों के लिए तो बिल्कुल ठीक नही है। मध्यम श्रेणी का यह प्रदूषण फेफड़ों व दिल के रोगियों के लिए जानलेवा होता है। सिमरन बिंजोला

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