देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि राज्य की पूरी सरकार संविदा पर चल रही है। प्रदेश के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, पीडब्लूडी के चीफ, सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियन्ता, उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम के महानिदेशक, उत्तराखण्ड पॉवर कॉरपोरेशन के एम.डी., पिटकुल के प्रभारी एम.डी, जल निगम जैस महत्वपूर्ण विभागों में बार-बार सेवा विस्तार देकर अन्य काबिल लोगों को मौका नही मिल पा रहा है।
कहा कि निश्चित रूप से सरकार उत्तराखण्ड की प्रतिभाओं के हितों में कुठाराघात कर रही है। होना ये चाहिए था कि सेवानिवृत्त के बाद नये अधिकारियों को मौका मिलना चाहिए तथा उन्हें अपनी प्रतिभा/क्षमता उजाकर करने का मौका देना चाहिए। ऐसा ना करके सरकार ने जहॉ एक ओर नये लोगों को हतोत्साहित करने का काम किया है वहीं दूसरी ओर सेवा विस्तार देकर भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने केवल सरकारी संस्थाओं के पदो पर सेवा विस्तार देकर उन्हें उगाही करने का केन्द्र बना दिया है।
करन माहरा ने कहा अधिकारियों को बार-बार विस्तार दिया जाना क्या प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बार-बार विस्तार देकर प्रतिभावान अधिकारियों के साथ नाइंसाफी की जा रही है। जो स्वच्छ एवं पारदर्शी प्रशासन के लिए अच्छे संकेत नही हैं।
माहरा ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि विभिन्न विभागों में महत्वपूर्ण पदों पर राज्य सरकार केन्द्र के इशारे पर इस तरह के मनमाने सेवा विस्तार दे रही है। इससे जूनियर अधिकारियों में काफी रोष व्याप्त है। क्योंकि उनके अधिकार पर लगातार कुठाराघात किया जा रहा है जो सरासर गलत है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा बार-बार विस्तार पाने वाले अधिकारियों की सरकार में मजबूत पकड़ को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस प्रकार के प्रकरणों का संज्ञान लेकर तत्काल इस पर रोक लगानी चाहिए जिससे प्रभावित अधिकारियों को न्याय मिले सके और अधिकारियों की मनमानी पर भी रोक लगे।