उत्तराखंड

जल स्रोतों और धाराओं के पुनर्जीविकरण के लिए ईवाई करेगा विचार

मुख्य सचिव ने 16वें वित्त आयोग से उत्तराखंड के विशेष संदर्भ में किये कई अनुरोध

देहरादून। राज्य के सभी विभागों को ऑनरशिप की कार्यशैली से कार्य करने की सख्त हिदायत देते हुए सीएस राधा रतूड़ी ने सभी विभागों को 16वें वित्त आयोग द्वारा मांगी गई सूचनाओं को तत्काल वित्त विभाग को प्रेषित करने करने की डेडलाइन दी है। इसके साथ ही मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गुरूवार को सचिवालय में 16वें वित्त आयोग का मैमोरेण्डम तैयार करने हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए आयोग से उत्तराखण्ड राज्य हेतु जलस्रोतों व धाराओं के पुनर्जीवीकरण की रिपोर्ट शामिल करने, आपदा प्रबन्धन राज्य होने के कारण रिकवरी की गाइडलाइन्स पर पुनर्विचार करने, पर्यटन प्रदेश होने के कारण राज्य में मूल आबादी के साथ ही फलोटिंग आबादी के कारण राज्य की बुनियादी सुविधाओं पर अत्यधिक दबाव होने के कारण वित्तीय संसाधनों व विभिन्न योजनाओं पर प्रभाव, राज्य में वन क्षेत्र की अधिकता, प्रदेश में ऊर्जा की अवसंरचना सुविधाओं को मजबूत बनाने सम्बन्धित बिन्दुओं पर विचार करने का आग्रह किया । वित्त आयोग से ई वाई  द्वारा उत्तराखण्ड के विशेष सन्दर्भ में  जल स्रोतों व धाराओं के पुनर्जीवीकरण की रिपोर्ट को सम्मिलित करने पर विचार करने हेतु ई वाई द्वारा सहमति व्यक्त की गई। ई वाई द्वारा सम्बन्धित विभागों से मुख्यतः राजस्व खाते के आधिक्य एवं इसको संतुलित करने,  राजकोषीय घाटे को कम करने,  राज्य के पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों में शहरीकरण की सीमाओं, प्रति व्यक्ति आय, विभागों की अवशेष देनदारियों, पूंजीगत व्यय जैसे पर विस्तार से चर्चा की गई विदित है कि 13 जून से 19 जून 2024 तक 16वें वित्त आयोग से ईवाई डीके श्रीवास्तव द्वारा राज्य सरकार के विभागों के साथ 16वें  वित्त आयोग का मेमोरेंडम तैयार करने तथा बजट के पूर्वानुमान हेतु विभिन्न बैठकें आयोजित की जाएगी। बैठक में अपर मुख्य सचिव आन्नद वर्धन, सचिव शैलेश बगौली, दिलीप जावलकर सहित सभी विभागों के अधिकारी एवं वित्त आयोग के पदाधिकारी मौजूद रहे।

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