टैक्सपेयर्स के Income Tax रिटर्न को दोबारा से खोला जाता है तो उसके जांच के कारणों
के बारे में उन्हें पहले से जानकारी देनी होगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) प्रमुख पी सी
मोदी ने यह बात कहीं। उन्होने कहा कि जिन मामलों में जवाब संतोष जनक नहीं होगा,
उन्हें दोबारा से खोला जाएगा। वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में टैक्स मामलों को दोबारा से
खोलने को लेकर समयसीमा 6 साल से घटकर 3 साल कर दी गई है। वहीं 50 लाख रुपये
और उससे अधिक के गंभीर कर धोखाधड़ी मामलों में 10 साल पुराने मामलों को दोबारा
से खोला जाता है। टैक्सपेयर्स को यह पता नहीं चलेगा ऐसा क्यों किया गया है।
इसलिए हमने यह प्रावधान किया है कि जांच के कारणों के बारे में संबंधित करदाता
को पहले से जानकारी देनी होगी और संतोषजनक जवाब नहीं आने या सुलह नहीं
होने की स्थिति में ही मामले को दोबारा खोला जाएगा। सीबीडीटी के चेयरमैन ने कहा
कि बजट में मामलों को दोबारा से खोलने के पीछे तर्क करदाताओं के लिये अधिक
निश्र्चितंता लाना है।
कौन से मामले खोले जाएंगे
Government ने कहा, जिन जगाहों पर काफी कानूनी विवाद थे, हमने उन्हें इस तक
तर्कसंगत बनाने का प्रयास किया है, जिससे वे आकलन अधिकारी के विवेक पर निर्भर
नहीं हो, जो भी मामले खोले जाएंगे, वह मुख्य रुप से आंकड़ा विश्र्लेषण औऱ जोखिम
आकलन के आधार पर होगा। इसमें प्रणाली की भूमिका होगी और वही बताएगी कि
किन मामलों को खोला जाना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट भाषण में कहा था कि 50 लाख रुपए
तक की आय वाले छोटे टैक्सपेयर्स की मदद के लिए 10 लाख रुपए तक विवादित राशि
के मामले में कानूनी विवाद कम करने के लिए विवाद कम करने के लिए विवाद समाधान
समिति का गठन किया जाएगा।
संध्या कौशल
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