देव दीपावली में प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के भारत की प्राचीन नगरी काशी-प्रयागराज में लोकापर्ण के बाद हाईवे पर पिछले 24 घंटों में वाहनों की बढ़ोत्तरी हुई है।
जानकारी के अनुसार हाईवे से पिछले समय में 32 हजार गाड़ियां गुजर चुकी हैं।
इस सड़क से लोगों को काशी से प्रयागराज की दूरी सिर्फ डेढ़ से दो घंटे में पूरी हो जाएगी।
काशी से प्रयागराज के लिए पहले चार, पांच बाजारों से गाडियों को होकर निकलना होता था वहीं अब काशी से प्रयागराज की दूरी 3:30 से 4 घंटे के बीच में हो गयी है।
बाजारों के ऊपर से हाईवे बनने के बाद अब यह दूरी आधी रह गयी है।
हाईवे बनाने में कितनी लागत आई
इस हाईवे के कारण कई शहरों की सड़क कनेक्टिविटी को रफ्तार मिलने लगी है।
इस हाईवे की लागत 2447 करोड़ रुपये है। हंडिया से राजातालाब तक बनी सड़क का निर्माण कार्य 5 दिसंबर 2017 को शुरू हुआ था।
वैसे इस सड़क का काम जून 2020 में पूरा हो जाता लेकिन कोरोना के चलते यह काम नवंबर में पूरा हुआ।
इस मार्ग पर पांच छोटे- बड़े फ्लाईओवर, 23 अंडरपास हैं। सड़क चार जिलों को जोड़ती है।
इनमें बनारस, मिर्जापुर, भदोही ,प्रयागराज 6-लेन में है। यह हाईवे पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की
महत्वाकांक्षी योजना स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के तहत कोलकाता से दिल्ली को जोड़ने वाली सड़क का हिस्सा है।
लोकार्पण के बाद हाईवे से गुजरने वाली गाड़ियों की संख्या
लोकार्पण के बाद इस हाईवे से कार से लेकर मोटरसाइकिल जैसे छोटे-बड़े वाहन चले,
जिनमें पहले दिन लालानगर के टोल प्लाजा से गुजरने वाली गाड़ियों की संख्या 25 हजार से अधिक थी।
इसके अलावा मोटरसाइकिल को मिलाकर इनकी संख्या 32 हजार है। एशियाई देशों को जोड़ने वाले 72.64
किमी की सड़क फोर से सिक्स लेन हुई। इस हाईवे को बनने में 35 महीने का समय लगा।