जानिए कौन हैं ऋषिकेश में अवैध कब्जों के ‘स्वामी’
उत्तराखण्ड के ऋषिकेश में मठ मंदिर सरकार के लिए आफत बन गए हैं।
ये वे तथाकथित संत हैं जिनको आवंटित वन भूमि की लीज अवधि खत्म हो चुकी है।
तकनीकी पहलू ये है कि नए नियमों के मुताबिक लीज आगे बढ़ने या नए सिरे से आवंटन का रास्ता भी बंद है।
फिर भी ये स्वयंभू स्वामी कई हेक्टेयर वन भूमि पर अवैध रूप से कुंडली मारे बैठे हैं।
रसूख का प्रभाव ऐसा है कि सरकार भी अवैध कब्जेदारी से नजर फेरे हुए है।
ऐसे करीब 11 आश्रमों की सूची HNN के हाथ लगी है।
कहीं कसी नकेल तो कहीं सन्नाटा
ऋषिकेश तीर्थनगरी में बीते दिनों परमार्थ आश्रम पर वन भूमि पर अवैध कब्जे का आरोप लगा था।
कोर्ट की हिदायत पर विभाग ने कार्रवाई भी की।
दूसरी ओर तपोवन क्षेत्र के ये वो आश्रम हैं जिन्हें पूर्व में कभी वन भूमि लीज पर दी गई थी।
समय के साथ लीज अवधि खत्म हो गई। इसके बावजूद आश्रमों का कब्जा बना हुआ है।
दिलचस्प पहलू ये है कि सरकार का ध्यान इस ओर अब तक नहीं गया है।
ये हैं अवैध कब्जाधारक 11 स्वामी
लीज संख्या-50…लीजधारक -श्री मौनी स्वामी जनाधारचार्य.. क्षेत्रफल 0.104
52…..श्री स्वामी जानकीदास विवेकानंद दास….क्षेत्रफल..0.2080
51…श्री गोपालदास स्वामी…क्षेत्रफल..0.1390
53 श्री धन सिंह संत, लक्ष्मण दास अब दयाराम के नाम स्वीकृत.. क्षेत्रफल..0.2170
54..श्री जानकीदास कालपंती… क्षेत्रफल..0.420
55…श्री स्वामी हरिदास….क्षेत्रफल…0.1210
56…स्वामी योगिराज… क्षेत्रफल…0.101
57..श्री चेतन दास, गोविंद दास क्षेत्रफल…0.690
59..स्वामी त्यागी, लक्ष्मण दास.. क्षेत्रफल..0.2320
58…स्वामी दामोदर दास C/O स्वामी केशव दास…. क्षेत्रफल..0.0740
69..श्री कमलनयन पथिक ब्रहमपुरी.. क्षेत्रफल-0.0150
यह भी पढ़ें- Venkat Raman : 7 वर्षीय बालक को मिला ‘वंडर किड’ का खिताब