
भारत में हर वर्ष 24 जनवरी को National Girl Child Day मनाया जाता है।
इस दिवस की शुरुवात महिला एंव बाल विकास मंत्रालय और भारतीय सरकार ने
24 जनवरी 2008 को की। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय बालिका विकास मिशन के
रूप में यह दिवस मनाने की शुरुआत की गई।
क्यों मनाया जाता है ?
- देश में बालिकाओं को ज्यादा प्रोत्साहन और नए अवसर देने के लिए।
- इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लड़के और लड़की में अंतर मिटाकर
बालिकाओं को बालकों के समान अवसर प्रदान करने के प्रति लोगों को जागरुक करना है।
- यह दिन लड़कियों के साथ होने वाले भेदभाव को खत्म करने को लेकर
जागरुकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। अभी भी कई क्षेत्रों जैसे शिक्षा में असमानता,
कानूनी अधिकार,पोषण,चिकित्सयी देख-रेख, सम्मान आदि में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं
के साथ भेदभाव की खबरें आती रहती हैं। ऐसे में National Girl Child Day के
जरिए इस भेदभाव को खत्म करने का संदेश दिया जाता है।
- जीवन में अपने उचित अधिकार और सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए,
बाल-विवाह रोकथाम एक्ट 2009, दहेज रोकथाम एक्ट 2006 आदि को
लेकर बालिकाओं को जागरुक करने के लिए National Girl Child Day मनाया जाता है।
- भारत में लिंगानुपात के खिलाफ कार्य करने तथा लिंग समानता को प्रचारित करने के लिए।
कैसे मनाया जाता है दिन?
- देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
जैसे स्कूल और कॉलेज में “बेटी-बचओ बेटी-पढ़ाओ” का संदेश देने वाले कार्यक्रम
आयोजित किए जाते हैं।
- लड़कियों के साथ होने वाली असमानता को चिन्हित किया जाता है।
- रेडियो ,टीवी, अखबार आदि जनसंचार के माध्यम के जरिए महिला अधिकारों से
जुड़ी सूचनाएं प्रसारित की जाती हैं।
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