उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को अचानक आई बाढ़ की वजह Glacier के टूटने को
बताया गया है। इसरो के वैज्ञानिकों ने चमोली के रैणी गांव में आई आपदा को लेकर अहम
जानकारी दी गई है। सांइटिस्ट्स ने सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों से आपदा की असली वजह
साफ की है।
Glacier टूटने से नहीं आई आपदा
इस बारे में सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि क्षेत्र में Glacier टूटने से नहीं बल्कि
भारी मात्रा में बर्फ के पिघलने से आपदा आई है। सोमवार को हुई बैठक में इसरो के वैज्ञानिकों
ने सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों से साफ किया है कि यह आपदा Glacier टूटने से नहीं आई।
तापमान बढ़ने से बर्फ पिघली, जिससे यह आपदा आई है। फिलहाल अभी अध्ययन किया जा
रहा है, ताकि ज्यादा जानकारी सामने आ सके।
युध्दस्तर पर जारी है राहत व बचाव कार्य
बता दें कि अभी तक ऐसा कहा जा रहा था कि यह आपदा Glacier टूटने से आई है,
लेकिन अब वैज्ञानिकों ने कुछ औऱ ही वजह बताई है।
इस ताबाही के बाद अब तक राहत व बचाव कार्य युध्दस्तर पर जारी है।
एनडीआरएफ, आईटीबीपी और सेना के जवान कल से ही आपदा में फंसे लोगों को
रेस्क्यू कराने में जुटे हुए हैं। पुलिस के मुताबिक, अभी तक 202 लोब लापता हैं और
कुल 19 शव बरामद हुए हैं।
40 से 50 लोग अभी भी सुरंग में फंसे
पुलिस का कहना है कि अब स्थिति सामान्य है। पुलिस की टीम राहत बचाव में लगी हुई है।
आपको बता दें कि तपोवन टनल में भी लगातार राहत बचाव कार्य जारी है।
अभी तक 100 मीटर तक टनल की सफाई हुई है,यहां करीब 37 लोगों के फंसे होने की
खबर है। एनडीआरएफ के डाजी एसएन प्रधान ने बताया कि ढाई किलोमीटर लंबी सुरंग
में 27 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। 40 से 50 लोग अभी सुरंग में फंसे हुए हैं।
शेष लोगों के मलबे में बह जाने की आशंका है। सबी मजदूरों की खोज की जा रही है।
संध्या कौशल
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