
26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने
शनिवार को जो बयान दिया है, उससे यह ज़ाहिर होता है कि बीजेपी सरकार की
चिंताएं बढ़ गई हैं।
क्योंकि किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद किसानों की मर्यादा पर जो
सवाल उठाए गए थे, वह सवाल कमज़ोर पड़ते नज़र आ रहे हैं। साथ ही किसान
आंदोलन पहले से मज़बूत होता दिख रहा है।
सूत्रों के अनुसार धरने के दौरान हुई 150 किसानों की मौत के बाद भी बीजेपी सरकार
ने प्रदर्शनकारी किसानों की तरफ हाथ नहीं बढ़ाया था लेकिन कल के बयान के बाद
सरकार का रुख बदला हुआ नज़र आया।
ट्रेक्टर रैली से पहले लोगों को लग रहा था कि किसान आंदोलन पंजाब पर फोकस्ड है
और कुछ हरियाणवी भी इसमें शामिल हैं।
लेकिन ट्रेक्टर रैली के बाद कुछ लोगों को लग रहा है कि अब किसान आंदोलन का
प्रमुख केंद्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश बन सकता है।
यदि ऐसा हुआ तो योगी आदित्यनाथ के लिए यह खबर अच्छी साबित नहीं होगी
क्योंकि उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार है।
और अगले साल उत्तर प्रदेश में चुनाव होना है।
-निशा मसरूर
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