विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा
कि रुस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत दौरे
का न्योता स्वीकार किया है। मॉस्को की अपनी
दो दिवसीय यात्रा के समापन पर वीडीयों संदेश में
श्रृंगला ने कहा कि उन्होंने रुसी नेताओं के साथ दिवपक्षीय मुघों के
अलावा क्षेत्रीय और वैश्र्विक हितों से जुड़े कई मुघों पर चर्चा की।
विदेश सचिव ने दोनों देशों के बीच जारी मैत्रीपूर्ण संबंधों में प्रगति की बात भी कही।
भारतीय दूतावास दवारा जारी एक वीडियो संदेश में
उन्होंने कहा कि मेरा मॉस्को दौरा सफल रहा।
मैंने कई बैठकों और गतिविधियों में हिस्सा लिया।
इसने मुझे संबंधों के बारे में व्यापक दृष्टिकोण दिया है।
जल्द करेगे भारत का दौरा
श्रृंगला ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर की
ओर से दिया गया भारत दौरे का निमंत्रण रुस के विदेश मंत्री
सर्गेई लावरोव ने स्वीकार किया है और उनकी जल्द ही भारत दौरे की योजना है।
इससे पहले एक इंटरव्यू के दौरान विदेश सचिव हर्षवर्धन
श्रृंगला ने कहा है कि रुस के साथ भारत को रणनीतिक और भरोसा मिलता है।
यह मौजूदा दुनिया की जटिलताओं से निकलने में पर्याप्त रुप से सक्षम हैं।
इसके साथ रुस के साथ सैन्य-तकनीकी सहयोग को छोड़ने के लिए
भारत अमेरिका के दबाव में है। श्रृंगला ने यह टिप्पणी रुसी दैनिक कोमर्सेंट के साथ
एक इंटरव्यू में कि, उमसे पूछा गया था कि क्या भारत अमेरिका
दबाव में आ जाएगा और रुस के साथ एस-400 वायु
रक्षा मिसाइल प्रणाली का करार रघ कर देगा।
श्रृंगला ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका और
रुस के साथ भारत के संबंध अपनी खूबियों पर हैं।
सभी प्रमुख शक्तियां भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की
पेपरको पूरी तरह से मान्यता देती है।
उन्होंने कहा कि जड़ें बहुत गहरी और ऐतिहासिक हैं
जिससे स्थिरता, भरोसा और विश्र्वास मिलता है।
यह मौजूदा दुनिया की जटिलताओं से पार पाने में पर्याप्त रुस से सक्षम है।
अमेरिका के साथ हमारी वैश्र्विक रणनीतिक साझेदारी है।
उन्होंने कहा कि मैं विशिष्ट रक्षा सौदों पर टिप्पणी नहीं करना
चाहता लेकिन मैं स्पष्ट रुप से कहना चाहता हूं कि
रुस के साथ हुए सभी करार कार्यक्रम के अनुसार
आवश्यकताओं औऱ हितों के अनुसार हैं।
-संध्या कौशल
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