उत्तराखंड

वैकुण्ठ चतुर्दशी की पूजा से भगवान शिव स्वयं ही पुत्र रूप में आते हैं

वैकुण्ठ चतुर्दशी की पूजा से भगवान शिव स्वयं ही पुत्र रूप में आते हैं श्रीनगर, गढवाल वैकुण्ठ चतुर्दशी के अवसर पर आज श्रीनगर गढवाल स्थित कमलेश्वर महादेव मंदिर में भगवान के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ । आज के दिन सन्तति की कामना से सैकडों दम्पति रात्रि पर्यन्त अखण्ड दीप जलाकर भगवान की उपासना करते हैं , और परिणाम स्वरूप भगवत्कृपा से उन्हे सन्तति की प्राप्ति होती है । ऐसी मान्यता है कि इस कठोर तप करने वाले दम्पति के घर भगवान शिव स्वयं पुत्र रूप में आकर गृहस्थ जीवन को आनन्दित करते हैं । प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर अनन्तश्रीविभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती जी महाराज के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित हुए मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी ने कमलेश्वर मंदिर के महंत श्री आशुतोष पुरी जी महाराज के साथ भगवान की महापूजा सम्पन्न की । प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में भगवान को एक सहस्र कमल समर्पित करने की परम्परा जिसका परिपालन कल प्रातः विधि-विधान के साथ किया जाएगा । कमलेश्वर मन्दिर के प्रांगण में हजारों की संख्या में श्रद्धालुजन आकर भगवान के दर्शन करते जा रहे हैं । प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत जी ने सपत्नीक मन्दिर पहुँच कर भगवान कमलेश्वर जी और महंत आशुतोष पुरी जी आशीर्वाद प्राप्त किया । इस अवसर पर उपस्थित रहे सर्वश्री नागेश्वर मन्दिर महंत श्री नितिन पुरी जी, आचार्य आनन्द प्रकाश नौटियाल जी, स्कन्द पुरी, शिवम नैथानी, वैभव सकलानी, आत्माराम महाराज, आचार्य प्रदीप फोंडणी, विमल कपरवाण, राहुल बिष्ट, दीपक उनियाल, मुकेश चमोली, गोवर्धन गिरि, देवेन्द्र धर, रजनीश , हीरा सिंह बिष्ट, जितेन्द्र रावत, जितेन्द्र धीरवाण, शिवानन्द बहुगुणा, बुद्धि उनियाल आदि उपस्थित रहे ।

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