The biggest debates and clashes for refusal of the mask is a viral topic across Australia and overseas. A group of researchers’ findings has published stating the fact, that face masks are ‘highly effective’ at reducing the spread of respiratory droplets which has spread the COVID-19 infection. Researchers have said that even a single-layer cotton mask is enough to reduce the droplets.
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फेसबुक के स्वतंत्र निगरानी बोर्ड ने मंगलवार को कहा वह अब फेसबुक और इंस्टाग्राम के यूजर्स की शिकायतों को स्वीकार करेगा और उस पर विचार करेगा। बोर्ड के अनुसार वह सोशल मीडिया का उपयोग करने वाले ऐसे लोगों की शिकायतों को सुनेगा जिनका मानना है कि कंपनी ने घृणित सोशल मीडिया पोस्ट, वीडियो और दूसरी चीजों को नेटवर्क पर बनाए रखने की छूट दे रखी है।फेसबुक को दुनिया के कई देशों में आंकड़ों में सेंध और नफरत फैलाने वाली सामग्रियों को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा । उसको देखते हुए आपत्तिजनक सामग्री पर नजर रखने और विचार के लिये निगरानी बोर्ड का गठन किया है।
बोर्ड में पूर्व न्यायाधीश, पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल हैं। ये लोग फेसबुक और इंस्टाग्राम पर डाले गये पोस्ट, वीडियो समेत अन्य सामग्रियों को लेकर उपयोगकर्ताओं की अपील की समीक्षा करते हैं और सोशल नेटवर्किंग मंचों के लिए सामग्रियों को लेकर फैसला करते हैं।निगरानी बोर्ड के निदेशक थॉमस ह्यूज ने एक बयान में कहा, ”उन उपयोगकर्ताओं को सामग्रियों को लेकर अपील का अधिकार दिया गया है जो उन्हें फेसबुक से हटवाना चाहते हैं। बोर्ड के अनुसार सह संतुलित सामग्री के संबंध में एक पारदर्शी मॉडल अपनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। बयान के अनुसार बोर्ड स्वतंत्र रूप से जो भी निर्णय करेगा, वह फेसबुक पर बाध्य होगा।
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2020 से उपयोगकर्ताओं को अपनी खुद की सामग्री को हटाये जाने को लेकर अपील करने का अधिकार दिया गया है। अब आने वाले दिनों में उपयोगकर्ता फेसबुक की अपील प्रक्रिया का उपयोग करने के बाद – निगरानी बोर्ड संदर्भ आईडी प्राप्त करेंगे और औपचारिक रूप से स्वतंत्र समीक्षा के लिए अपील कर सकते हैं। बयान के अनुसार जिन सामग्रियों की समीक्षा की जा सकती है, उनमें पोस्ट, ‘स्टेटस’ को अपलोड करना, फोटो, वीडियो, टिप्पणियां और उसे साझा करना शामिल हैं।
लंदन, 14 अप्रैल (एपी) ब्रिटेन के दिवंगत प्रिंस फिलिप के पार्थिव शरीर को जब शनिवार को दफनाया जाएगा तब लोगों का ध्यान राष्ट्रीय शोक के बीच, युवराज विलियम और उनके भाई युवराज हैरी पर भी होगा।
इस दौरान लोग निश्चित रूप से देखने की कोशिश करेंगे कि प्रिंस हैरी और शाही परिवार के बीच सुलह का कोई संकेत है या नहीं।
सबकी निगाहें विशेष रूप से हैरी और उनके बड़े भाई प्रिंस विलियम पर टिकी होंगी।
हैरी ने अपनी पत्नी मेगन के साथ पिछले साल मार्च में शाही दायित्वों का परित्याग कर दिया था और अपने बेटे आर्ची के साथ अमेरिका के कैलिफोर्निया चले गए थे।
अमेरिका जाने के बाद वह, फिलिप के अंतिम संस्कार के दौरान पहली बार शाही परिवार का सामना करेंगे।
उनके पारिवारिक रिश्तों में पिछले महीने दरार तब और बढ़ गई थी जब मेगन ने ओपरा विनफ्रे को दिए साक्षात्कार में कहा था कि शाही परिवार के एक अनाम शख्स ने मेगन के बच्चे की त्वचा के रंग पर टिप्पणी की थी।
नस्लवाद के आरोपों के कुछ दिन बाद विलियम ने पलटवार करते हुए संवाददाताओं से कहा था कि उनका ‘परिवार नस्लवादी नहीं है।’
तनाव के बावजूद शनिवार को प्रिंस फिलिप के अंतिम संस्कार में दोनों भाइयों को उस दिन की याद भी आएगी जब 1997 में वह अपनी मां प्रिंसेस डायना के ताबूत के पीछे खड़े थे।
शनिवार को विंडसर कैसल से शवयात्रा निकाली जाएगी और उम्मीद जताई जा रही है कि हैरी (36) तथा विलियम (38) शाही परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपने दादा के ताबूत के पीछे चलेंगे।
पाकिस्तान में कट्टर नेता मौलाना साद हुसैन रिजवी की गिरफ्तारी के बाद से प्रदर्शन हो रहे है। ये प्रदर्शन अब हिंसक रूप अख्तियार कर चुके हैं। एक पुलिसकर्मी और चार लोगों की मौत हो गई। इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के प्रमुख मौलाना को रविवार को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद से ही लाहौर, कराची जैसे शहरों में छिट-पुट प्रदर्शनों की शुरुआत हुई, जो अब बड़े पैमाने पर फैल गई।
प्रमुखशहरोंमेंतैनातपाकिस्तानीरेंजर्स
इमरान खान की सरकार इन हालातो में बेबस नजर आ रही । अब हालात बेकाबू होते देख इसने देश के प्रमुख शहरों में रमजान के मद्देनजर पाकिस्तानी रेंजर्स को तैनात किया है, सरकार ने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि वे TLP के दबाव में नहीं आने वाली है। इमरान सरकार में मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि सबको बात रखने का हक है। कहा कि सरकार कानून को हाथ में नहीं ले सकती।
पुलिसकर्मियोंपरबरसाईगईंगोलियां
पाकिस्तान में 300 पुलिसकर्मी घायल चुके हैं। इसमें लाहौर में घायल हुए 97 पुलिसकर्मियों की संख्या भी शामिल है। कई की हालात गंभीर है। प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के दौरान पुलिसकर्मियों पर ईंटों और हथियारों से हमला किया गया। TLP कार्यकर्ताओं ने हथियारों का भी प्रयोग किया।
पाकिस्तानमेंप्रदर्शनक्योंहोरहेहैं?
साद रिजवी ने फ्रांसीसी पत्रिका शार्ली हेब्दो पैगंबर मोहम्मद के कार्टून बनाने के मुद्दे को लेकर फ्रांस के राजदूत को देश से निकालने की बात कही थी। ये विवाद चल ही रहा था कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस्लामी चरमपंथी के हाथों मारे गए टीचर सैमुएल पैटी का समर्थन कर दिया। पैटी ने अभिव्यक्ति की आजादी की क्लास लेते हुए
इसके बाद TLP फ्रांसीसी राष्ट्रपति के खिलाफ भड़क उठा। उसने मैक्रों के बयान को इस्लामोफोबिक बताया। वहीं, पाकिस्तान सरकार को चेतावनी दी कि वह 20 अप्रैल से पहले तक देश में मौजूद फ्रांस के राजदूत को बाहर निकाले। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो देशभर में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। दूसरी ओर, सरकार ने हालात को काबू में करने के लिए साद को गिरफ्तार कर लिया और फिर देश में प्रदर्शन शुरू हो गए।
कौनहैमौलानासादरिजवी?
साद रिजवी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) पार्टी का नेता है। इस चरमपंथी पार्टी की पहचान पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून का समर्थन करने वालों के तौर पर होती है। रिजवी के पिता खादिम हुसैन रिजवी के आकस्मिक निधन के बाद साद रिजवी को पार्टी का नेता बनाया गया। पाकिस्तान की सरकार जब भी ईशनिंदा कानून में बदलाव करने का प्रयास करती है तो ये पार्टी और उसके समर्थक सरकार पर दबाव बनाने लगते हैं।
वहीं, साद के पिता खादिम रिजवी को साल 2011 से पहले तक कोई नहीं जानता था, लेकिन पंजाब प्रांत के गर्वनर सलमान तासीर की हत्या के बाद अचानक से वह सुर्खियों में आ गया। दरअसल, सलमान तासीर ने ईशनिंदा कानून का आरोप झेल रही आसिया बीबी का समर्थन किया था। इसके बाद तासीर के बॉडीगार्ड मुमताज कादरी ने उनकी हत्या कर दी। खादिम रिजवी ने मुमताज कादरी का समर्थन करते हुए कहा था कि तासीर का मारा जाना जरूरी था।
मुंबई भारत में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के बीच वॉल स्ट्रीट की ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैश ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान 10.9 प्रतिशत से घटाकर 10.5 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा ब्रोकरेज ने शेयर बाजारों और आमदनी के अपने अनुमान में भी कमी की है। भारत में कोविड-19 के मामले रोजाना नए रिकॉर्ड पर पहुंच रहे हैं। साथ ही विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन भी लगातार बढ़ रहा है।
सुनील कौल की अगुवाई में गोल्डमैन सैश के अर्थशास्त्रियों ने मंगलवार को जारी विस्तृत नोट में कहा कि महामारी के मामले रिकॉर्ड पर पहुंचने तथा कई प्रमुख राज्यों द्वारा सख्त लॉकडाउन लगाए जाने से वृद्धि को लेकर चिंता पैदा हुई है। इससे निवेशक वृहद अर्थव्यवस्था और आमदनी में सुधार को लेकर आशंकित हैं। गोल्डमैन सैश ने 2021 के लिए भारत के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के अनुमान को 10.9 प्रतिशत से घटाकर 10.5 प्रतिशत कर दिया है। ब्रोकरेज कंपनी का अनुमान है कि इससे जून तिमाही की वृद्धि भी प्रभावित होगी।
गोल्डमैन सैश ने इसके साथ 2021 में आमदनी में वृद्धि के अनुमान को 27 प्रतिशत से घटाकर 24 प्रतिशत कर दिया है। ब्रोकरेज का अनुमान है कि अंकुशों में ढील और टीकाकरण की रफ्तार बढ़ने के बाद जुलाई से पुनरुद्धार फिर शुरू होगा। नोट में कहा गया है कि भरोसे का संकट शेयर बाजारों में भी दिख रहा है। निफ्टी में सोमवार को अकेले 3.5 प्रतिशत का नुकसान हुआ। गोल्डमैन सैश ने दूसरी यानी जून तिमाही के वृद्धि के अनुमान को कम किया है। हालांकि, उसने इसका कोई आंकड़ा नहीं दिया है। हालांकि, नोट में उम्मीद जताई है इन सब चीजों का कुल असर मामूली होगा, क्योंकि अंकुश कुछ क्षेत्रों में लगाए गए हैं।
पंजाब कोरोना वायरस की दूसरी खतरनाक लहर का सामना कर रहा है, ऐसे में राज्य के लिए एकमात्र उम्मीद उसकी मृत्यु दर में लगातार गिरावट है। अन्य राज्यों की तुलना में पंजाब में कोरोना से मृत्यु दर ज्यादा है। कोरोना काल में ये पहली बार है कि पंजाब की कोरोना मृत्यु दर (CFR) 2.75 फीसदी पर आ गई है, जबकि देश की औसतन CFR 1.2 फीसदी पर है।
पंजाब के लिए कोरोना मृत्यु दर में गिरावट इसलिए बेहद अहम है, क्योंकि साल भर राज्य में CFR 3 फीसदी से ऊपर रही है। जनवरी के आखिर तक पंजाब में मृत्यु दर 3.23 फीसदी थी, जो देश में सबसे ज्यादा थी। उस वक्त से मृत्यु दर में लगातार गिरावट आ रही है।
इसलिएराज्यमेंउच्चमृत्युदर
पिछले एक महीने में राज्य में करीब 82,940 मामले और 1557 मौतें हुई हैं। जनवरी में हालांकि संक्रमण के मामलों में करीब 40 फीसदी इजाफा हुआ है। राज्य में उच्च मृत्यु दर को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि पंजाब की आबादी का एक बड़ा हिस्सा है जो अन्य बीमारियों से पीड़ित है। हालांकि CFR में गिरावट की एक वजह मौतों की संख्या के अनुपात में कोरोना मामलों की संख्या में बड़ी बढ़ोत्तरी भी है।
सिक्किम, महाराष्ट्रऔरपश्चिमबंगालमेंमृत्युदर
राष्ट्रीय स्तर पर पंजाब के बाद उच्च मृत्यु दर के मामले में सिक्किम का दूसरा नंबर है। यहां सीएफआर 2.1 फीसदी है, इसके बाद महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में सीएफआर 1.7 है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में ये 1.6 फीसदी जबकि चंडीगढ़ और दिल्ली में ये 1.5 फीसदी, जम्मू और कश्मीर में 1.4 फीसदी और हरियाणा में ये 1 फीसदी है।
पंजाबमेंकहां–कहांकितनेलोगोंकीहुईमौत
राज्य में पिछले 24 घंटों में 3009 मामले सामने आए हैं, जबकि 53 लोगों की मौत कोरोना के चलते हुई है। होशियारपुर में 7, संगरूर और गुरदासपुर में 6-6, अमृतसर, जालंधर और पटियाला में 5-5, एसएएस नगर में 4, कपूरथला और लुधियाना में 3-3 लोगों की कोरोना के चलते जान गई है।
गुजरात के सूरत में कोरोना से हुई मौतों ने भयावह रूप लिया है। शवों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया इतनी बढ़ गई है कि चिताओं की चिमनियां भी पिघलने लगी हैं। सूरत के अश्विनी कुमार और रामनाथ घेला श्मशान घाट के प्रमुख हरीशभाई उमरीगर ने कहा है कि यहां रोजाना 100 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इसके कारण चिमनियां ठंडी नहीं हो रही हैं और वे पिघल रही हैं। इसी तरह सूरत के रांदेर और रामपुरा के कब्रिस्तानों में मैय्यत आने का सिलसिला लगातार जारी है। सामान्य दिनों में औसतन 2 से 3 शवों को दफनाया जाता था, लेकिन अब यह आंकड़ा 10 से बढ़कर 12 हो गया है।
14सालसेबंदशवदाहगृहखुला
मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी होने के चलते 14 साल से बंद तापी नदी के तट पर कैलाश मोक्षधाम शवदाह गृह को फिर से खोल दिया है। 3 दिन में यहां 50 से ज्यादा अंतिम संस्कार हो चुके हैं। श्मशान घाटों पर 3 से 4 घंटे की वेटिंग चल रही है।
मांकीगलतीसे11 दिनकेबच्चेकोहुआकोरोना
मां की गलती से उसके 11 दिन का मासूम बच्चे कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गया है। बच्चा वेंटिलेटर पर जिंदगी से जंग लड़ रहा है। उसे रेमेडेसिविर इंजेक्शन भी लगाया गया है। इलाज कर रहे बाल रोग विशेषज्ञ अप्लेश सिंघवी ने कहा है कि मां को प्रसव के बाद सर्दी-खांसी की शिकायत थी जिसके बारे में उसने नहीं बताया था। इसी कारण बच्चे तक संक्रमण पहुंच गया। बच्चे को रेमेडेसिविर इंजेक्शन लगाया गया है और उसकी हालत में सुधार हो रहा है।’ डॉ. सिंघवी ने कहा है कि बच्चों के मामलों में अधिक सावधानी बरतनी है। लक्षण का पता चलने पर उसे छुपाए नहीं।