
मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के निर्देश पर पार्टी सांसदों का एक प्रतिनिधि दल ने
बुधवार को किसान दिवस पर दिल्ली के सिंघु बार्डर जाकर आंदोलनकारी किसानों से मुलाकात की और
नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में पूर्ण समर्थन व सहयोग करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने भूख हड़ताल पर बैठे किसानों से मोबाइल फोन पर ममता बनर्जी से बात भी कराई है।
ममता से कहा सिंघु बार्डर आने के लिए
किसानों ने ममता से उनका मनोबल बढ़ाने सिंघु बार्डर आने का अनुरोध किया है।
पांच सदस्यीय इस प्रतिनिधिदल में डेरेक ओ ब्रायन, शताब्दी राय, प्रतिमा मंडल,
प्रसून बनर्जी और मोहम्मद नदीमुल हक शामिल थे।
लोक सभा व राज्य सभा के सासंद पहुंचे
शताब्दी राय, प्रसून बनर्जी और प्रतिमा मंडल लोकसभा सांसद हैं
जबकि डेरेक ओ ब्रायन और मोहम्मद नदीमुल हक राज्यसभा के सदस्य हैं।
तृणमूल प्रतिनिधिदल ने कहा कि इससे दुर्भाग्यपूर्ण और क्या हो सकता है
कि जो किसान पूरे देश के लोगों का पेट भरते हैं,
उन्हें भूख हड़ताल करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है।
तृणमूल पहले भी किसमनों के साथ खड़ा था
14 साल पहले बंगाल के हुगली जिले के सिंगुर इलाके में ममता बनर्जी ने
टाटा की नैनो कार फैक्ट्री के निर्माण के लिए किसानों की जमीन जबरन अधिग्रहित किए जाने के खिलाफ
26 दिनों तक भूख हड़ताल की थी।
तृणमूल इस आंदोलन में भी किसानों के साथ खड़ा रहेगा।
26 नवंबर से विरोध-प्रदर्शन कर रहे है विरोध-प्रदर्शन
नए कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बार्डर पर पंजाब, हरियाणा
समेत विभिन्न राज्यों के किसान पिछले 26 नवंबर से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
बंगाल में तृणमूल कांग्रेस भी शुरू से ही इसका तीव्र विरोध करती आ रही है।
इसके विरोध में किसान संगठनों की तरफ से बुलाई गई हड़ताल का भी तृणमूल ने
नैतिक समर्थन किया था, हालांकि वह इसमें शामिल नहीं हुई थी।
–शिवम वालिया
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