
आर्थिक समीक्षा से यह भी जाहिर हुआ कि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में भी अब बदलाव हो गया है। अर्थव्यवस्था कोरोना काल के पहले से ही दबाव में थी। यही वजह रही कि प्रदेश की आर्थिक विकास दर वर्ष 2019-20 में भी पहले के साल की तुलना में कम पाई गई। प्रदेश सरकार भले ही कोरोना के दौरान लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने की बात कहे, लेकिन आर्थिक समीक्षा से जाहिर हो रहा है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था वर्ष 2016-17 से ही प्रभावित होनी शुरू हो गई थी। वर्ष 2016-17 में विकास दर अपने उच्चतम स्तर पर थी। इसके बाद से विकास दर में गिरावट आनी शुरू हुई और कोरोना संकट से ठीक पहले तक भी प्रदेश की आर्थिक विकास दर अपने न्यूनतम स्तर पर थी।
कोरोना का प्रभाव, अब झटके से उबरने की चुनौती
प्रदेश में कोरोना का पहला मामला फरवरी में सामने आया था। 22 मार्च 2020 को प्रदेश में पहला लॉकडाउन शुरू हुआ। आगे के आठ महीनों में कोरोना के प्रभाव के कारण प्रदेश की आर्थिक विकास दर शून्य से कम हुई और इस समय भी इसके शून्य से छह प्रतिशत कम होने का अनुमान है। साफ है कि इस झटके से उबरने की चुनौती अभी प्रदेश के सामने बनी हुई है।
मीना छेत्री
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