कांग्रेस में अंद्रूनी लड़ाइयां धीर-धीरे बढ़ती ही जा रही है। बता दें कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ओमन चांडी तथा रमेश चेन्नीथला के खिलाफ यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट(यूडीएफ) में फूट डालने का आरोप लगाया गया है। जून में प्रदेश ईकाई की अगुवाई मे बदलाव किया गया था। जिसमें नेता प्रतिपक्ष चेन्नीथला के स्थान पर सतीषन तथा कुछ समय बाद मुल्लापल्ली रामचंद्र के स्थान पर केरल पीसीसी प्रमुख के रूप् मे सुधाकरन को लाया गया था।
जानकारी के अनुसार सोमवार को यूडीएफ के एक कॉन्क्लेव में दोनो नेताओं के उपस्थित न होने के कारण पार्टी के नेताओं का कहना था कि उन्होनें कार्यक्रम का बहिष्कार अपने सियासी फायदे के लिए किया है। इस बात को लेकर राजनीतिक मुद्दा बन रहा है।
केपीसीसी दल के अनुसार चांडी तथा चेन्नीथला ने यूडीएफ के मंच का उपयोग नेतृत्व के विरुद्ध अपना विरोध प्रदर्शन दिखाने के लिए किया है। जानकारी के अनुसार पार्टी दोनों नेताओं के विरुद्ध ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के पास शिकायत दर्ज कर सकती है।
जानकारी के अनुसार इससे पूर्व ओमन चांडी ने केपीसीसी के अध्यक्ष के. सुधाकरण तथा विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन पर संगठन में चुनाव के दौरान अपने प्रत्याशियों को मुख्य पदों पर नियुक्त करने के खिलाफ शिकायत दर्ज कि थी। साथ ही कहा जा रहा है कि पार्टी के नेतृत्व में इस चुनाव को अपने हित में करने के लिए सदस्यता अभियान को भी रोक दिया था।
हाईकमांड को पार्टी कि इमेज खराब होने का है डर
एआईसीसी के संकेतो से स्पष्ट कर दिया है कि वह नेताओं के विद्रोह के पश्चात भी केरल में पार्टी के पुनःनिर्माण को जारी रखेगी। हाईकमांड को भय है कि यदि इस मामले के न सुलझने के कारण जनता के मध्य पार्टी कि इमेज खराब हो सकती है। क्योंकि यह केरल कांग्रेस का अपसी कलेश का नया मामला नहीं है।
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बिना परामर्श के कि नए जिलाध्यक्षों कि नियुक्ति
बता दें कि इस साल अगस्त में चांडी और चेन्नीथला का आरोप था कि उनसे परामर्श लिए बिना नए जिलाध्यक्षों को नियुक्त किया गया था। इस पर के सुधाकरन व बीडी सतीषन ने आलोचना करते हुए कहना था कि उन्हें नियुक्तियों कि पूर्व से ही जानकारी दी गई थी। सुधाकरना व सतीषन को राहुल गंधी ने नियुक्त किया है। साथ ही दोनो उनके प्रति निष्ठावान हैं।
अंजली सजवाण