
विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी, 2000 को वर्ल्ड मिलेनियम अगेंस्ट कैंसर फॉर द न्यू मिलेनियम में स्थापित किया गया था।
जिसका आयोजन पहली बार पेरिस में हुआ था।
पेरिस के चार्टर पर फरवरी 2000 में बीमारी को रोकने और अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कैंसर
के खिलाफ विश्व कैंसर दिवस के रूप में दस्तावेज़ के आधिकारिक हस्ताक्षर की वर्षगांठ की स्थापना की गई थी।
इसके हस्ताक्षर जनरल द्वारा शिखर सम्मेलन में किए गए थे।
कैंसर के इफेक्ट को कम करने के लिए और इसके collective and individual काम की शक्ति का पता लगाने के लिए,
हर साल अलग-अलग टैगलाइन को लेकर कैंपेन किया जाता है।
विश्व कैंसर दिवस की वर्ष-थीम
कैंपेन में हर वर्ष नया थीम रखा जाता है । जैसे की:
2010-2011 कैंसर को रोका जा सकता है
2012 एक साथ चलो कुछ करते हैं
2013 कैंसर मिथक – तथ्य प्राप्त करें
2014-2015 डिबंक द मिथ्स
2016 – 2018 ‘हम कर सकते हैं। मुझसे हो सकता है।’
2019 – 2021 ‘आई एम एंड आई विल।’
विश्व कैंसर दिवस का उद्देश्य:-
कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना। शिक्षा, और दुनिया भर में सरकारों और व्यक्तियों पर दबाव
डालकर रोग से बचाव के लिए हर साल लाखों रोकथाम योग्य मौतों को बचाना है।
कैंसर से लड़ने वाले खाद्य पदार्थ:-
- सेब।
- जामुन।
- पत्तेदार सब्जियां।
- गाजर।
- फैटी मछली।
- अखरोट।
- फलियां।
- पूरक और दवाएँ आदी।
हर साल, 900 से ज़्यादा गतिविधियाँ 100 से अधिक विभिन्न देशों में होती हैं, इस दिन ट्विटर पर एक ट्रेंडिंग विषय होता है।
पिछले वर्षों में, शहरों ने नारंगी और नीले रंग के महत्वपूर्ण स्थलों को जलाकर विश्व कौंसर दिवस का समर्थन करना शुरू कर दिया है।
2019 में, 37 शहरों के 55 स्थलों ने लैंडमार्क लाइटिंग पहल में भाग लिया।
कम से कम 60 सरकारें आधिकारिक तौर पर विश्व कैंसर दिवस मनाती हैं।
–निशा मसरूर
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