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उत्तराखंड मानसून बनेगा आफत, बढ़ने लगा है नदियों का जलस्तर…..आपदा को लेकर प्रशासन अलर्ट
उत्तराखंड में मानसून ने अपनी दस्तक दे दी है। उत्तराखंड में नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है जो कि किसी भी समय आपदा को आमंत्रित कर सकता है, इसी क्रम में चंपावत जिले में भी आपदा नियंत्रण और प्रबंधन के लिए चंपावत जिला प्रशासन भी अपने अलर्ट मोड पर है। वहीं जिलाधिकारी ने लोगों से अपील करते हुए कहा किसी भी प्रकार की आपदा या दुर्घटना होने पर तत्काल फायर विभाग को सूचना दी जाए जिस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड मानसून बनेगा आफत
उत्तराखंड में मानसून अभी ठीक से बरसा भी नहीं है कि मानसूनी बौछारें अभी से आफत का सबब बनने लगी हैं। उत्तराखंड में नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है जो कि किसी भी समय आपदा को आमंत्रित कर सकता है और लगातार हो रहीं बारिशों के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में इसका असर साफ-साफ देखा जा सकता है। वहीं चंपावत जिले में भी मानसून ने दस्तक दे दी है, मानसून के चलते बारिश का दौर शुरू हो चुका है तो वही आपदाओं को लेकर चंपावत जिला प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है। पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश के चलते क्षेत्र की राम गंगा, सरयू व महाकाली नदियों का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। इसी क्रम में लोहाघाट के जिलाधिकारी ने बताया कि लोहाघाट विधानसभा क्षेत्र में आपदा को लेकर सभी अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश जारी कर दिए गए है। इसके अतिरिक्त हर तहसील में आपदा कंट्रोल रूम बनाया गए हैं, जिनके प्रभारी तहसीलदार और आरके को नियुक्त किया गया है तथा तहसील को दो सेक्टर में बांटा गया है।बढ़ने लगा है नदियों का जलस्तर
जिलाधिकारी ने बताया कि आपादा इसके अलावा आपदा राहत शिविर बनाए गए है। तथा राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य मार्ग में मशीने तैनात करने के निर्देश संबंधित विभागों दे दिए गए है तथा सड़क बंद होने की दशा में सड़को को तत्काल खोलने के निर्देश भी दिए गए हैं। कहा आपदा से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है । एसडीएम लोहाघाट ने आपदा आने की स्थिति में तत्काल आपदा कंट्रोल रूम को सूचना देने, नदी नालों के किनारे न जाने तथा मौसम को देखकर यात्रा करने की अपील जनता से की है। तो वही फायर स्टेशन प्रभारी हंसदास सागर ने बताया एसपी चंपावत के निर्देश पर आपदा व दुर्घटनाओं से निपटने को अग्निशमन विभाग पूरी तरह तैयार है।आपदा को लेकर प्रशासन अलर्ट
उत्तराखंड पर्वतीय राज्य है लिहाजा यहां जरुरत से ज्यादा बारिश हुए बिना भी आपदा का आना एक सामान्य बात है। वहीं राज्य में मानसून भी पूर्णत: सक्रिय हो चुका है, लिहाजा प्रदेश के पर्वतीय जिलों में प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर एक्टिव है। जिलाधिकारी लोहाघाट ने बताया कि आपदा से निपटान में उपयुक्त आपदा उपकरणों को चाक चोबंद किया गया है, ताकि किसी भी अप्रत्याशित दुर्घटना के समय नुकसान को कम करने के लिए और राहत-बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए इन उपकरणों का उचित उपयोग किया जा सके। वहीं जिलाधिकारी ने लोगों से अपील करते हुए कहा किसी भी प्रकार की आपदा या दुर्घटना होने पर तत्काल फायर विभाग को सूचना दी जाए जिस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)