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उत्तराखंज को धामी सरकार की खास सौगात, पांच लाख से कम वार्षिक आय वालों को मिलेंगे आवास…जानिए सरकार की पूर्ण प्लानिंग
उत्तराखंड की डबल इंजन वाली सरकार ने राज्य में पांच लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को अपनी एक खास योजना के चलते बाखली शैली में आवासीय परियोजना के तहत घर देने की योजना बनाई है। यह पहाड़ी क्षेत्रों में पारंपरिक रूप से बनाई जाने वाली घरों की शैली है, इस शैली में घरों को सीधी रेखा में बनाया जाता है और बीच में एक खुला सामूहिक आंगन होता है।
उत्तराखंज को धामी सरकार की खास सौगात
उत्तराखंड में वर्तमान समय में कार्यरत डबल इंजन वाली भाजपा सरकार प्रदेश में रोजगार, शिक्षा, आवास और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास करती नजर आ रही है। इसी क्रम में राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के उन लोगों को आवासीय परियोजना से लाभान्वित करना चाहा है जिनकी वार्षिक आय पांच लाख रुपये है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में विकास प्राधिकरण अब स्थानीय वास्तुशैली बाखली (रो-हाउसिंग) में आवासीय परियोजनाएं बनाने को प्राथमिकता देंगे, आपको बता दें कि राज्य की नई आवास नीति के आलोक में शासन द्वारा जारी की गई आवास विकास नियमावली में यह प्रविधान किया गया है। चूंकि इस शैली के अंतर्गत आवासीय इकाइयों का निर्माण होना है लिहाजा इसके लिए एक नियमावली में यह भी प्रविधान किया गया है, जिसमें यह भी उल्लेखित है कि अब राज्य में पांच लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों का घर का सपना भी पूरा हो सकेगा। इतना ही नहीं, पहली बार निम्न और निम्न मध्यम वर्ग के लिए भी आय सीमा निर्धारित की गई है।पांच लाख से कम वार्षिक आय वालों को मिलेंगे आवास
दरअसल पिछले वर्ष 11 दिसंबर को हुई धामी कैबिनेट में राज्य की नई आवास नीति को हरी झंडी दिखाई गई थी, लिहाजा अब इस सपने को साकार करने के लिए उत्तराखंड के प्रमुख सचिव आवास आर मीनाक्षी सुंदरम ने नई आवास नीति के लिए आवास विकास नियमावली को जारी कर दिया है। आपको बताते चलें कि इस आवास विकास नियमावली के आधार पर ही विकास प्राधिकरण आवासीय योजनाओं को मूर्त रुप देगा। इस योजना के तहत पर्वतीय क्षेत्र में कमजोर आय वर्ग के लिए बाखली शैली में आवासीय परियोजना में कम से कम 10 इकाइयां होंगी, जिसमें प्रत्येक आवासीय भूखंड के अग्र सेटबैक में खुली सीढिय़ां और न्यूनतम दो मीटर चौड़ा सामूहिक आंगन बनाना अनिवार्य होगा। वहीं राज्य सरकार के द्वारा दो मीटर के पहुंच मार्ग पर रो हाउसिंग का निर्माण की छूट दी गई है, जिसकी अधिकतम ऊंचाई साढ़े सात मीटर निर्धारित करी गई है। इतना ही नहीं फ्लोर एरिया रेशियो, स्टांप शुल्क, पंजीकरण शुल्क के साथ-साथ लाभार्थियों को तीन लाख राज्य सरकार और डेढ़ लाख रुपये केंद्र सरकार की ओर से अनुदान देने का भी प्रावधान है।लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)