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उत्तराखंड में बढ़ेगा चाय की खेती का दायरा, चाय बागानों की पौध के लिए जगह सुनिश्चित….जुलाई से शुरू होगा बड़ा मिशन

उत्तराखंड में चाय की खेती का दायरा बढ़ाने के लिए उत्तराखंड सरकार एक बड़ा और गंभीर कदम उठाने जा रही है, उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड राज्य के चार जिलों चंपावत, पिथौरागढ़, चमोली व टिहरी के चयनित 120 हेक्टेयर क्षेत्र में आगामी जुलाई माह से नए पौधों का रोपण करने वाला है। यानि की अब उत्तराखंड में कुल चाय क्षेत्रफल 1491 हेक्टेयर हो जाएगा, वहीं उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के अनुसार प्रत्येक हेक्टेयर में 15 हजार पौधे लगाए जाएंगे।

उत्तराखंड में बढ़ेगा चाय की खेती का दायरा

      उत्तराखंड में चाय की खेती का दायरा बढ़ाने के लिए उत्तराखंड सरकार एक बड़ा और गंभीर कदम उठाने जा रही है, राज्य सरकार चाय की खेती को स्वरोजगार से जोड़नें की दिशा में एक गंभीर पहल करने जा रही है। उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड राज्य के चार जिलों चंपावत, पिथौरागढ़, चमोली व टिहरी के चयनित 120 हेक्टेयर क्षेत्र में आगामी जुलाई माह से नए पौधों का रोपण करने वाला है। यानि की अब उत्तराखंड में कुल चाय क्षेत्रफल 1491 हेक्टेयर हो जाएगा, वहीं उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के अनुसार प्रत्येक हेक्टेयर में 15 हजार पौधे लगाए जाएंगे। दरअसल, अब तक उत्तराखंड के 8 पर्वतीय जिलों के 29 विकासखडों की 1471 हेक्टेयर भूमि क्षेत्र में चाय की खेती को किया जा रहा था, लेकिन कुछ समय पूर्व ही उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड ने चंपावत स्थित 100 हेक्टेयर क्षेत्र में चाय के खेतों को किसानों को वापस लौटा दिया। जमीन वापस देने का कारण यह था कि उस भूमि की लीज अवधि समाप्त हो गई थी। इसे देखते हुए चाय विकास बोर्ड ने चाय की खेती का दायरा बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए, ताकि चाय उत्पादन पर कोई असर न पड़े।

चाय बागानों की पौध के लिए जगह सुनिश्चित

      वहीं उत्तराखंड में चाय के खेती के दायरे को बढ़ाने के लिए उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड ने उत्तराखंड के चार जिलों चंपावत, पिथौरागढ़, चमोली व टिहरी में 120 हेक्टेयर भूमि चयनित कर ली है। वहीं उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के निदेशक ML पाल के अनुसार इम चिह्मित चार जिलों के 120 हेक्टेयर क्षेत्र में रोपण के लिए चाय पौध की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गई है। निदेशक के अनुसार चिह्नित 120 हेक्टेयर क्षेत्र के प्रत्येक हेक्टेयर में 15 हजार पौधे रोपे जाएंगे, आपको बता दें कि आगामी जुलाई माह में यह पौधारोपण शुरू होगा और अगस्त तक चलेगा। उन्होंने बताया कि चाय की खेती के लिए कुछ और नए क्षेत्र भी चिह्नित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त उत्तराखंड के उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने जानकारी देते हुए कहा कि चाय उत्पादन को आजीविका से जोड़ने की दिशा में सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है। इसी क्रम में चाय की खेती का दायरा बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए होने वाले पौधारोपण की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

उत्तराखंड में 1371 हेक्टेयर है वर्तमान में चाय की खेती का क्षेत्रफल

      उत्तराखंड में चाय की पैदावार बढ़ाने के लिए और चाय की खेती में वृद्धि लाने के लिए उत्तराखंड सरकार और उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उत्तराखंड में वर्तमान समय में 1371 हेक्टेयर भूमि पर चाय की खेती को किया जा रहा है, तो वहीं उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के अंतर्गत वर्तमान समय पर 29 चाय बागान आते हैं। वहीं साल 2024-25 में उत्तराखंड ने कुल .00 लाख किग्रा ग्रीन टी का उत्पादन किया है, तो वहीं 96,000 किग्रा प्रोसेस्ड चाय कोलकाता भेजी गई। इसी के साथ उत्तराखंड में वर्तमान समय पर 5 चाय फैक्ट्रियां संचालित हो रही हैं, जबकि उत्तराखंड में तकरीबन 3918 किसान चाय की खेती से जुड़े हैं। उत्तराखंड में 3200 से ज्यादा श्रमिक चाय बागानों में कार्यरत हैं।          
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)

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