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गुलरघाटी खाद्य गोदाम बना अनियमितताओं का भंडार, जिलाधिकारी सविन बंसल ने लगाई राशन आपूर्ति पर रोक….विपणन अधिकारी का रोका वेतन

राजधानी देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने जब गुलरघाटी खाद्य गोदाम का औचक निरीक्षण किया तो उन्हें वहां कई अनियमितताएं मिलीं, और जिलाधिकारी सविन बंसल को जानकारी मिली की आंगनबाड़ी केंद्रों से लेकर दूरस्थ ग्रामीण इलाकों तक अनाज भेजने में बड़े स्तर पर घपला चल रहा है। जब जिलाधिकारी ने अनाज के बोरों का वजन तोलवाया तो पता चला कि बोरों में आधा किलो वजन कम है।

गुलरघाटी खाद्य गोदाम बना अनियमितताओं का भंडार

        राजधानी देहरादून के वर्तमान जिलाधिकारी सविन बंसल अपने त्वरित एक्शन को लेकर चर्चाओं में बने रहते हैं। हाल में जिलाधिकारी सविन बंसल किसी भी समय पर किसी भी सरकारी दफ्तर का औचक निरीक्षण कर ले रहे हैं, लिहाजा अब कर्मचारियों के अंदर भी अपनी ड्यूटी को बखूबी निभाने का डर कहिए या फिर जूनून लेकिन जिलाधिकारी का यह एक्शन सभी कर्मचारियों को काम सही तरीके से करने का संदेश जरूर भेज रहा है। इसी क्रम में बीते बुधवार को जिलाधिकारी सविन बंसल राजधानी के ही क्षेत्रिय खाद्य निगम के गूलरघाटी खाद्य गोदाम पंहुचे, जहां जिलाधिकारी सविन बंसल ने राशन के सैंपल अपने सामने परखे तो पता लगा कि उनमें बहुत बड़े स्तर पर धांधली चल रही है। आपको बता दें कि यही राशन आंगनबाड़ी केंद्रों से लेकर सूदूर गांवों तक भेजा जाता है लेकिन अनाज भेजने वाले इस गूलर घाटी खाद्य गोदाम में बहुत बड़ी गड़बड़ियां चल रही है। इतना सब देखते ही जिलाधिकारी ने त्वरित निर्णय से राशन आपूर्ति पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारी की प्रतिकूल प्रविष्टि कर डाली और इसके अतिरिक्त अधिकारी का वेतन भी स्थगित कर दिया।  

गुलरघाटी खाद्य गोदाम बना अनियमितताओं का भंडार

          दरअसल, पूरा मामला कुछ इस प्रकार है कि बीते बुधवार को जब जिलाधिकारी सविन बंसल खाद्य निगम के क्षेत्रीय गुलघाटी खाद्य गोदाम पंहुचे तो गोदाम की व्यवस्था ही कुछ इस प्रकार थी कि जिसे देखकर शायद ही कोई ऐसे खाद्य गोदाम को संचालित करने की अनुमति दे। खैर, जिलाधिकारी सविन बंसल गोदाम में पंहुचकर जब छानबीन करते हैं तो पता चलता है कि गोदाम में यहां-वहां चूंहे दौड़ लगा रहे हैं, न तो गोदाम का रजिस्टर किसी प्रकार से अपडेट है और न ही गोदाम में अनाज को रखने के पुख्ते इंतजामात हैं। वहीं जब जिलाधिकारी सविन बंसल ने अपने ही सामने अनाज के बोरों का वजन तोला तो ज्ञात हुआ कि बोरों का वजन मात्र 50 किलो 100 ग्राम है जबकि, तय मानकों के अनुसार बोरे सहित वजन 50.580 किलोग्राम होना चाहिए। अब चूंकि गोदाम में चूंहो का डेरा है लिहाजा चूंहे आधे से ज्यादा अनाज का मलवा बना चुके हैं। वहीं जिलाधिकारी ने रेट ट्रैप की व्यवस्थाओं की जांच कर उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी आदेश दिए हैं। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने पाया कि यह वही गोदाम है जिससे आंगनबाड़ी केंद्रों से लेकर गढ़वाल के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों तक अनाज जाता है।

विपणन अधिकारी का रोका वेतन

        खाद्य निगम के क्षेत्रीय खाद्य गोदाम में अनाज की बोरियों पर सिलाई का सही न होना, बोरियों का वजन उचित न होना ये सभी बिंदु अपने आप एक प्रश्नचिह्म हैं, लिहाजा गोदाम की दयनीय स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल ने तत्काल रुप से निर्णय लेते हुए वरिष्ठ विपणन अधिकारी विष्णु प्रसाद त्रिवेदी का वेतन रोक दिया और साथ ही प्रतिकूल प्रविष्टि भी कर डाली। आपको बता दें कि जिलाधिकारी सविन बंसल ने पूरे पांच घंटो तक गोदाम की जांच करी और उनका कहना है कि “नागरिकों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा”।          
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)

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