नैनीताल में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त
नैनीताल और उसके आस-पास के क्षेत्रों में तेज व लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। जिले में एक राष्ट्रीय राजमार्ग, तीन राज्य मार्ग, एक प्रमुख जिला मार्ग व ग्यारह ग्रामीण मार्ग बाधित हैं। नंदा देवी मेला परिसर व कई अन्य स्थानों पर जलभराव से व्यापारी वर्ग को नुकसान उठाना पड़ा है। झील का जलस्तर 87.5 फीट चढ़ जाने के बाद निकासी गेट खोल दिए गए, जिससे नाव संचालन और पर्यटन गतिविधियां पूरी तरह बंद कर दी गई हैं। बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है और प्रशासन ने राहत कार्यों के साथ आम जनता को सुरक्षित स्थानों पर रहने व अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। मौसम विभाग ने अगली 24 घंटे के लिए रेड अलर्ट जारी किया है और जिले में स्कूल-कॉलेज भी बंद कर दिए गए हैं।
सड़कों पर भूस्खलन से कई मार्ग बंद
मौसम विभाग के अलर्ट के बाद रविवार रात से नैनीताल शहर में मूसलाधार बारिश जारी रही, जिससे जनजीवन पूरी तरह ठहर गया है। विद्यालयों में अवकाश होने के कारण बच्चों और अभिभावकों को राहत मिली है, लेकिन बारिश के चलते स्थानीय लोग और पर्यटक अपने होटलों व घरों में सीमित हो गए हैं। झील से जुड़े नाले उफान पर हैं और कई सड़कें जलमग्न हो गई हैं, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से भूस्खलन और मलबे के कारण जिले में एक राष्ट्रीय राजमार्ग, तीन राज्य मार्ग, एक प्रमुख जिला मार्ग और 11 ग्रामीण मार्ग बंद हो चुके हैं। बंद सड़क मार्गों में ज्योलीकोट-क्वारब, गर्जिया-बेतालघाट, मोना ल्वेशाल-कालापातल, रामनगर-भंडारपानी, हल्द्वानी-चोरगलिया, गांधी ग्राम-पस्तोला सहित कई अन्य मार्ग शामिल हैं। प्रशासन द्वारा समस्या को सुलझाने के लिए कार्य जारी है, लेकिन नागरिकों को सावधानी रखने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
मेला परिसर में जलभराव से व्यापारियों को नुकसान
नगर पालिका ने पूर्व में दावा किया था कि भारी वर्षा के दौरान मेला परिसर में जलभराव नहीं होगा और कैनोपी के भीतर लगी दुकानें सुरक्षित रहेंगी, लेकिन बीती रात से जारी मूसलाधार बारिश ने इस दावे को असत्य साबित कर दिया। सोमवार को हुई लगातार वर्षा के कारण मेला परिसर में जलभराव की समस्या बनी रही, जिससे वॉटरप्रूफ टेंट के नीचे से पानी घुस गया और कई व्यापारियों का सामान खराब हो गया। वर्षा से बचाव के लिए कारोबारियों को दुकानों को तिरपाल से चारों ओर ढकना पड़ा। बारिश के चलते मेला परिसर में लोगों की आवाजाही कम हो गई और सुरक्षा कारणों से झूले भी बंद रखे गए, जिससे कारोबारी निराश नजर आए। जलभराव की जानकारी मिलने के बाद मेलाधिकारी एसडीएम केएन गोस्वामी ने मौके का निरीक्षण किया और नगर पालिका को पानी की निकासी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि आगे की परेशानी से बचा जा सके।
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)
