उत्तराखंडबाबा केदारनाथ धाम
बाबा केदार के कपाट खुलने का समय निर्धारित….यह होगा कपाट खुलने का कार्यक्रम
उत्तराखंड में शीतकाल में बंद हुए विश्वप्रसिद्घ ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग बाबा केदार के कपाट खुलने का समय अब आ चुका है, आज महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर बाबा केदार के कपाट खोलने के समय व तिथि को विधिवत पूजा अर्चना के बाद तय किया गया। इस अवसर पर श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ को भव्य रूप से फूलों से सजाया गया था।
बाबा केदार के कपाट खुलने का समय निर्धारित
उत्तराखंड में पूरे विधिविधान और पूजा अर्चना के बाद चारों धामों के कपाटों को विधिवत बंद कर दिया गया था, लिहाजा अब उन कपाटों को खोलने का समय आ चुका है। वहीं आज बुधवार को महाशिवरात्री के पावन अवसर पर उखीमठ में श्री ओंकारेश्वर मंदिर को भव्य रूप से फूलों की चादर में लिपटा कर सजाया गया। वहीं इस अवसर पर श्री केदारनाथ धाम रावल भीमाशंकर लिंग, केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल, दायित्व धारी चंडीप्रसाद भट्ट एवं श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल सहित पंचगाई समिति पदाधिकारियों और हजारों श्रद्धालुओं की मैजूदगी में विधि-विधान से धर्माचार्यों वेदपाठियों द्वारा पंचाग गणना करने के बाद बाबा केदार के कपाटों को खोलने की तिथि व समय 2 मई को प्रात: 7 बजे बैशाख, मास, मिथुन राशि, वृष लग्न में विधि- विधान से तय किया गया। सर्वप्रथम 27 अप्रैल को भगवान भैरवनाथ जी की पूजा होगी, जिसके बाद 28 अप्रैल को बाबा केदार की पंचमुखी डोली श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से केदारनाथ धाम प्रस्थान करेगी।यह होगा कपाट खुलने का कार्यक्रम
सर्वप्रथम बाबा केदार की पंचमुखी डोली जो केदारनाथ को प्रस्थान करेगी उससे पहले भगवान भैरवनाथ जी की विधिवत पूजा-अर्चना होगी, जिसके बाद 28 अप्रैल को बाबा केदार की पंचमुखी डोली श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से प्रस्थान करेगी और रात्रि प्रवास हेतु अपने प्रथम पड़ाव श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। इसके बाद 29अप्रैल को श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से रात्रि प्रवास हेतु द्वितीय पड़ाव फाटा को प्रस्थान होगी फिर 30 अप्रैल फाटा से रात्रि प्रवास हेतु तृतीय पड़ाव गौरादेवी मंदिर गौरीकुंड पहुंचेगी। अपने तृतीय पड़ाव से प्रस्थान करके बाबा केदार की पंचमुखी डोली 1 मई शाम को अपने पूर्व धाम श्री केदारनाथ धाम पहुंच जायेगी। इसके बाद 2 मई शुक्रवार को प्रात: 7 बजे वृष लग्न में श्री केदारनाथ धाम के कपाट तीर्थयात्रियों के दर्शनार्थ खुलेंगे। यहां शिवलिंग मद्महेश्वर पुजारी रहेंगे तथा श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ गंगाधर लिंग तथा श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में शिवशंकर लिंग पूजा-अर्चना का दायित्व निभायेंगे।लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)